यह भी पढ़ेंः ये लेडी डाॅन लोगों को लूटती थी एेसे, पुलिस भी सुनकर रह गर्इ दंग अब लागू हुई ये नई व्यवस्था अब उपरोक्त व्यवस्था को खत्म कर नई व्यवस्था के तहत थानों पर प्रभारी निरीक्षक यानी थानाध्यक्ष के अलावा मात्र एक अन्य निरीक्षक की तैनाती की जाएगी। थाने में तैनात होने वाले इस अतिरिक्त निरीक्षक का काम अपराध नियंत्रण करना होगा। इन्हें निरीक्षक अपराध के नाम से सम्बोधन किया जाएगा। यह भी विभागीय शर्त रखी गई है कि निरीक्षक अपराध थाने में तैनात प्रभारी निरीक्षक से वरिष्ठ नहीं होगा।
यह भी पढ़ेंः मायावती इस समीकरण के कारण हैं मजबूत स्थिति में, भतीजे अखिलेश को दिखा सकती हैं ठेंगा! अपराध निरीक्षक के कार्य थाने में तैनात होने वाले अपराध निरीक्षकों के कार्य की सीमा भी विभागीय स्तर पर ऊपर से तय की गई है। जिसके अनुसार थाना क्षेत्र में घटित गंभीर व महत्वपूर्ण अपराधों की विवेचना निरीक्षक अपराध करेंगे। अपराधों की रोकथाम के लिए निरोधात्मक कार्रवाई भी ये ही करेंगे। किसी अपराध के घटित होने की सूचना पर अविलम्ब विवेचनात्मक कार्रवार्इ, घटनास्थल का निरीक्षण, घटनास्थल का सुरक्षित करना, लाश का पंचनामा भरने से लेकर पोस्टमार्टम भेजने और एफएसएल आदि की पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी अपराध निरीक्षक के जिम्मे होगी। इसके अतिरिक्त न्यायालय से प्राप्त होने वाले सम्मन वारंट व अन्य वारंट तामील तथा कोर्ट में गवाहों की उपस्थिति भी इन्हीं को सुनिश्चित करनी होगी।