मेरठ में यूं तो शिव के कई मंदिर हैं जो कि सिद्धपीठ हैं और हर शिव मंदिर का अपना अलग अलौकिक महत्व है। लेकिन बुढ़ानागेट स्थित भगवान भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर का सावन के दिनों में महत्व बढ़ जाता है। जैसा कि बताया जाता है कि भूतेश्वर नाथ महादेव की पिंड़ी स्वयंभू हैं। यानी यह जमीन से स्वयं प्रकट हुई है। इस शिवलिंग की विशेषता ये है कि यह नर्मदा के पत्थर की तरह ना होकर कुछ अलग ही है। दिन में भले ही कोई इस पर जलार्पण ना करें लेकिन यह हमेशा जल से भीगा हुआ होता है।
यह भी पढ़े : केदारनाथ से लौट रहे मेरठ के युवकों की कार खाई में गिरी, रेस्क्यू जारी कहा जाता है कि भूतेश्वर महादेव शिवलिंग में स्वत: ही जल रिसता रहता है। जिससे ये हमेशा तृप्त रहते हैं। मंदिर के पुजारियों की माने तो सावन के महीने में भूतेश्वर महादेव की शाम को दिन छिपने के बाद पूजा करने का अपना विशेष महत्व है। सूर्यस्त के बाद भूतेश्वर महादेव की पूजा सावन के महीने में की जाए तो मुंहमांगी मुराद पूरी होती है। बताया जाता है कि भूतेश्वर महादेव मंदिर में शाम के समय भक्तों की भीड़ जुटती है।