यह भी पढ़ेंः मेरठ में मिले चार नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों से स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ी, 50 संदिग्ध रडार पर, तीन इलाके सील बता दें कि पिछले बुधवार से ही भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है। इस कठिन समय में लोग अपने घरों के लिए जा रहे हैं। ज्यादातर मजदूर पैदल ही अपना सामान लेकर घरों और गांवों की ओर निकल पड़े हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ आदि जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। इसी तरह का मामला चंड़ीगढ़ से चले करीब 25 मजदूरों का भी हैं जो कि बांदा जिले के रहने वाले हैं और ये सभी चंडीगढ़ में मजदूरी कर अपना पेट भर रहे थे। ये जब मेरठ पहुंचे तो इनके साथ बच्चे भी शामिल थे। जिन्हें इन्होंने कंधे पर बैठा रखा था। पैदल घर के लिए जा रहे लोगों में महिलाएं भी शामिल थी।
यह भी पढ़ेंः संदिग्ध परिस्थिति में 5 बच्चों के पिता ने लगा ली फांसी, Lockdown के बाद से चल रहा था परेशान वहीं, जब इनसे बात की तो एक शख्स ने बताया कि उनकी जेब में सिर्फ दो सौ रुपये हैं और उन्हें बांदा तक गांव किसी भी हालत में पहुंचना है। सुनील ने कहा कि अगर हम अपने घर नहीं जाएंगे तो हम यहां क्या खाएंगे? उन्होंने कहा कि मेरी जेब में सिर्फ 200 रुपये ही बचे हैं। इसे मैं रास्ते में बच्चों के लिए कुछ खाने में खर्च करुंगा। मालूम हो कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार ऐसी खबरें और तस्वीरें सामने आ रही हैं। लोग लगातार बिहार और उत्तर प्रदेश पैदल ही जा रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः Lockdown: Corona से लड़ने के लिए सीएमओ और उनकी टीम लगी है जज्बे के साथ, परिजनों ने कही ये बड़ी बात इन घटनाओं के सामने आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मुख्यमंत्रियों ने पलायन कर रहे मजदूरों के लिए व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। वहीं, दिल्ली यूपी बॉर्डर से शनिवार को बसें भी चलाई जा रही हैं, जो लोगों को लेकर उनके गांवों तक जाएंगी। एल ब्लाक चौकी पर तैनात दारोगा ज्ञानेन्द्र से जब मजदूरों की मदद के लिए कहा गया तो उनका कहना था कि सीएम के आदेश हैं जो जहां भी है वहीं रूका रहे। उनके खाने पीने की पूरी व्यवस्था सरकार कर रही है।