यह भी पढ़ेंः VIDEO: विभागाध्यक्ष ने की जूनियर महिला डॉक्टर से छेड़छाड़, विरोध में थाने में हंगामा, धरने पर बैठे चिकित्सक दरअसल, भावनपुर इलाके के जई गांव की महिला को प्राइवेट कार में परिजन सीएचसी लेकर पहुंचे महिला को बच्चा होना था। बताया जाता है कि जब सीएचसी में स्ट्रेचर नही मिला तो मजबूरी में महिला की डिलीवरी कार में ही करानी पड़ी। इस मामले पर सीएमओ ने सफाई देते हुए कहा कि चूंकि महिला की आधी डिलीवरी बीच रास्ते में ही हो गई थी, इसलिए उसे चिकित्सकों द्वारा कार में ही डिलीवरी की गई। ताकि जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा न हो।
यह भी पढ़ेंः भाजपा सरकार के खिलाफ कई मुद्दे लेकर सड़क पर उतरेंगे सपाई, तैयार की रणनीति, देखें वीडियो सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है, अगर कोई भी लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ ने बताया कि परिजनों का आरोप है कि सीएचसी पर सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसकी भी जांच करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि महिला को कार से नहीं लाना चाहिए था। सरकारी एबुलेंस का प्रयोग करना चाहिए था। उसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है। वैसे अब प्रसूता और बच्चे की हालत बिल्कुल ठीक है।