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घटनाएं खोल रही अवैध संबंधों की पोल पांच दिन पहले ही मेरठ के सरधना में युवक साकिब की हत्या इसलिए कर दी गई कि उसके अवैध संबंध अपने दोस्त की पत्नी से बन गए गए थे। इसी तरह से कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के दांतल गांव में सात नवंबर 2020 को युवक हसीनउद्दीन की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार युवक के एक युवती से अवैध संबंध थे। सहारनपुर में भी कोतवाली सदर बाजार क्षेत्र में रविवार को अवैध संबंध के चलते एक बिजनेस मैन की हत्या कर दी गई। बताया जाता है कि आरोपी का मृतक की पत्नी के साथ अवैध संबंध था। साकिब हत्याकांड के खुलासे में भी यह जानकारी निकलकर आई कि सिरफिरे पति ने पत्नी के अवैध संबंध होने के चलते 2 साल में दो हत्याएं कर डाली। अवैध संबंधों के खुलासे की कीमत सिर्फ मौत सवाल उठ रहा है कि आखिर कत्ल जैसा जघन्य अपराध इन अवैध संबंधों की वजह से इतना आसान क्यों हो गए? तीन माह में हुई हत्याओं के पीछे पुलिस तफ्तीश में जो कारण सामने आए हैं, वे बड़े चौंकाने वाले हैं। अभी तक जो भी विवेचनाएं हुई हैं उनमें हत्यारोपियों का मकसद केवल एक ही रहा है वो है जिंदगी खत्म करना। अवैध संबंधों में कत्ल, मान-सम्मान को ठेस पहुंची तो मार दिया और प्रेम प्रसंग में बाधक होने के शक में भी कत्ल कर दिया।
हत्याओं का तौर तरीके भी बड़े अजीबो गरीब इन अवैध संबंधों में हत्याओं का तौर तरीके भी बड़ा अजीबो गरीब है। गोली, चाकू और गला घोंटकर मार डालना आम है। लेकिन अवैध संबंधों में पत्थरों से पीटकर हत्या, जहर देकर मार डालना, धारदार हथियार से काटकर मौत के घाट उतार देना जैसे तरीके शामिल है। अवैध संबंधों के चलते हुई इन हत्याओं पर नजर डाले तो इनमें परंपरागत तौर तरीके का ही इस्तेमाल किया गया। लेकिन उद्देश्य सिर्फ कत्ल करना ही रहा है।
मेरठ में डेढ़ गुणा बढ़ीं हत्याएं मेरठ में छह माह के अंतराल में पिछले साल की अपेक्षा हत्या का ग्राफ डेढ़ गुना बढ़ा है। विवेचना में यह बात सामने आई कि हत्या की अधिकांश वारदातें अपनों के द्वारा रंजिश या फिर अवैध संबंधों के चलते की गई। इस बारे में जब एडीजी राजीव सभरवाल से बात की गई तो उनको कहना था कि मेरठ जोन के जिलों में कानून-व्यवस्था बेहतर हैं। अपराध का ग्राफ तेजी से घटा हैं। अवैध संबंधों में ज्यादा हत्या हुई है।
सामाजिक दशा के कारण हो रही हैं हत्याएं वहीं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर योगेंद्र सिंह का कहना है कि हत्या करने वालों के व्यवहार में आपराधिक प्रवृत्ति शामिल होती है। हम बच्चों को कैसे संस्कार दे रहे हैं? कैसे परिवेश में परवरिश कर रहे हैं? एकल जीवन शैली ने आपराधिक प्रवृत्ति व सामाजिक दशा को बदला है। इसी कारण से अवैध संबंधों के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है और भेद खुलने पर हत्याएं हो रही हैं।
BY: KP Tripathi
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