यह भी पढ़ेंः यहां मुस्लिमों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाने के बाद पुतला फूंका, प्रधानमंत्री मोदी से की ये बड़ी मांग, देखें वीडियो वेस्ट यूपी के इन पदों में बन चुका गढ़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अमरोहा आदि जिले तो आईएसआई के मजबूत गढ़ बन चुके हैं। इसकी गवाह एटीएस की वो कार्रवाई हैं जिनमें आईएसआई के स्लीपिंग माॅड्यूल पकड़े गए और उन्होंने इस बात को स्वीकार भी किया। अमरोहा में पकड़े गए आतंकी ने खुद स्वीकार किया था कि वह पाकिस्तान और काश्मीर की यात्रा कर चुका है। एटीएस की पुख्ता कार्रवाई के चलते पिछले कुछ वर्षों में वेस्ट यूपी के मेरठ, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद आदि क्षेत्रों में आईएसआई एजेंटों के रूप में कई स्थानीय और विदेशी लोग पकड़े जा चुके हैं।
यह भी पढ़ेंः किसानों ने कहा- प्रधानमंत्री जी, नहीं चाहिए गन्ने का भुगतान, देश के लिए खरीद लो गोला-बारूद, देखें वीडियो इन जगहों से पकड़े गए आईएसआई एजेंट हाल ही में मेरठ में आर्मी का जवान कंचन सिंह भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया है। उससे पहले खुर्जा में पकड़ा गया पाकिस्तान का संदिग्ध जासूस, इस बड़े सैन्य क्षेत्र के प्रतिबंधति दस्तावेज मिले। बीते महीनों में बुलंदशहर के खुर्जा का है जहां स्वाट, खुफिया एजेंसी और पुलिस ने शुक्रवार रात संदिग्ध एजेंट को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, संदिग्ध एजेंट पहले भी रोहतक की गोपनीय सूचना पाकिस्तान भेज चुका है। पाक के लिए काम कर रहे इन देशद्रोहियों के मोबाइल में मेरठ कैंट, गाजियाबाद हिंडन एयरबेस की कुछ तस्वीरें भी मिली हैं और उसने वाट्सएप और स्काइप कॉल के जरिए कई बार पाकिस्तान में वीडियो कॉल की हुई हैं। पूछताछ में आरोपी ने यह भी स्वीकार किया था कि कराची में उनके रिश्तेदार रहते हैं, जिस वजह से जाहिद वहां बातें करता है।
देवबंद और सहारनपुर आतंकियों मजबूत गढ़ पश्चिम उप्र में देवबंद और सहानपुर आतंकियों के मजबूत गढ़ के रूप में बदनाम हो रहे हैं। देश में कहीं भी घटना होने के बाद एटीएस एवं अन्य खुफिया एजेंसियों की निगाह सहारनपुर पर आकर टिक जाती है। यह पहली बार नहीं है कि जब सहारनपुर और देवबंद आतंकी गतिविधियां जुड़े हैं। कुछ दिन पूर्व एनआईए ने अमरोहा निवासी मोहम्मद सुहेल को गिरफ्तार किया था। एनआईए की जांच में पता चला था कि सुहेल भी देवबंद में काफी समय तक रहा था।
यह भी पढ़ेंः Big Breaking: पांच करोड़ के सोने की लूट में पकड़े गए तीन बदमाश, इनके पास से मिला इतना माल, पुलिस ने जब पकड़ा तो कर रहे थे ये काम संसद हमले में प्रयुक्त हुई कार सहारनपुर की वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले की घटना में भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था और उस हमले में प्रयोग की गई कार सहारनपुर की थी। 1994 में हापुड़ से तीन विदेशी नागरिकों का अपहरण करके आतंकियों ने सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा था। विदेशी नागरिकों का अपहरण जैश-ए-मोहम्मद के अजहर मसूद को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने की नीयत से किया गया था। इंडियन मुजाहिदीन का शेख एजाज सहारनपुर में ही रहता रहा। उसे पुलिस ने वर्ष 2015 में सहारनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।