यह भी पढ़ेंः ‘तितली’ ने दिल की धड़कन पर बरपाया कहर, एक ही दिन में कर्इ गुना मरीज भर्ती होने पर चिकित्सक भी हैरत में अल-नीनो के प्रभाव से कम पड़ेगी सर्दी मोदीपुरम स्थित भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. एन. सुभाष का कहना है कि इस साल अल-नीनो के प्रभाव के चलते इस बार कम सर्दी पड़ने जा रही है। इसलिए अगले साल फरवरी तक आैसत से ज्यादा तापमान रहने का अनुमान है। विदित है कि अल-नीनो का संबंध प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने से है। भारतीय उप महाद्वीप आैर एशिया के अन्य भागों के मौसम पर इसका प्रभाव प्रभाव पड़ेगा। इसी वजह से पिछले तीन साल के मुकाबले सर्दियों के दिनों में तापमान आैसत से ज्यादा रहेगा।
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तानी ‘तितली’ के कारण इन 24 घंटों में यूपी समेत उत्तर भारत के राज्यों में मच सकती है तबाही, मौसम वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी पिछले तीन वर्षों से बढ़ रहा तापमान मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण 2016 वर्ष दुनिया का सबसे गर्म था। इसका असर भारत पर भी पड़ा था। उन्होंने संभावना जतार्इ कि इस साल अल-नीनो के सप्ताह भर रहने की संभावना है। इसके कारण भारत समेत एशियार्इ देशों में सर्दियों के दिनों में तापमान बढ़ने के आसार रहेंगे।
अल-नीनो यह है एेसे मौसम कारक हैं, जो मौसम की चाल पर प्रभाव डालते हैं। मौसम की एक कमान अल-नीनो के हाथ में रहती है। प्रशांत महासागर में पेरू देश के निकटवर्ती गहरे समुद्र में घटने वाली एक हलचल अल-नीनो ही मौसम में बदलाव लाती है। मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि अल-नीनो या फिर प्रशान्त महासागर में समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने से पूरे एशिया और पूर्वी अफ्रीका के मौसमी स्थितियों में परिवर्तन हो जाता है।