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दरअसल, मौसम में सुबह से ही नरमी दिखाई दे रही थी। हवा में भी गर्मी वाले तेवर नहीं दिखे। डा. कंचन सिंह ने बताया कि वर्ष 1971 में मई की शुरूआत में तापमान 33:8 डिग्री रहा था। वह भी सिफ मौसम में आए बदलाव के कारण हुआ था। उस दिन बारिश और आंधी आई थी। जिसके चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन आज मई के पहले दिन तापमान में बदलाव का कारण लॉकडाउन को माना जा रहा है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते सभी प्रदूषण के कारक लगभग बंद हैं। इसका असर वातावरण में साफ देखने केा मिल रहा है। यह भी पढ़ें: सहारनपुर मंडल में 30 राेगियों ने जीती कोरोना से जंग, अस्पताल से पहुंचे घर यही कारण है कि इस बार तापमान में जो वृद्धि अप्रैल से शुरू हो जाती थी वह दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत है। प्रकृति को भी इस लॉकडाउन से बहुत राहत मिली है। उन्होंने कहा कि लॉक्उाउन से भले ही लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन प्रकृति और उसके कारकों को इससे बहुत लाभ हुआ है उन्होंने बताया कि आगे आने वाले 10 दिनों यानी 10 मई तक तापमान 40 डिग्री से अधिक नहीं जाएगा। यह मेरठ वासियों के लिए राहत की बात है।