यह भी पढ़ेंः पत्रिका अमृतं जलम्: ऐसे ही नदियों में बहता रहा प्रदूषण तो विलुप्त हो जाएगा पानी यह भी पढ़ेंः वेस्ट यूपी में ‘मिशन बवाल’ में होनी थी दो जातियों के नेताआें की हत्या, दलितों की मदद के नाम पर हो रहे थे ये काम इसलिए कर रहे बहिष्कार का आह्वान अधिवक्ताओं ने यह भी सुझाव रखा कि कैराना व नूरपुर में जिस दिन मुख्यमंत्री अथवा किसी केंद्रीय मंत्री अथवा अन्य किसी मंत्री, भाजपा के किसी बड़े नेता का आगमन का कार्यक्रम हो, उस दिन अधिवक्ता बसों में सवार होकर कूच करें। उनका विरोध करें यदि फिर भी वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलवाने का ठोस आश्वासन नहीं देते तो इन दोनों उपचुनाव में भाजपा का बहिष्कार करने का आह्वान करें। केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक मेरठ के कचहरी परिसर स्थित पंडित नानकचंद सभागार में हुई। बैठक में विभिन्न जिलों से आए अधिवक्ताओं ने इस बात को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की कि पिछले 40 सालों से चल रहा बेंच का आदोलन औपचारिक बनकर रह गया है।
आंदोलन बंद हो या गति दी जाएगी उनका कहना था कि हड़ताल भी अब छुट्टी का दिन बनकर रह गई है। ऐसे औपचारिक आंदोलन को चलाने की बजाय तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए, अन्यथा उसको अब गति दी जानी चाहिए। बैठक की अध्यक्षता समिति के नव निर्वाचित चेयरमैन राजेंद्र सिंह जानी व संचालन संयोजक देवकीनंदन शर्मा ने किया।
यह भी पढ़ेंः रमजान महीने में 20 साल बाद बन रहा एेसा संयोग यह भी पढ़ेंः सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री आैर विधायक के निवास से चंद कदम स्कूल के अंदर छात्र पर हुर्इ धांय-धांय… 22 जिलों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग इस बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करीब 22 जिलों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में मेरठ जिला बाढ़ के अध्यक्ष राजीव कुमार नागर, मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र सिंह धामा, बुलंदशहर बार के अध्यक्ष सुमन कुमार राघव, हापुड़ बार के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद यूसुफ कुरैशी, मुरादाबाद के अध्यक्ष आनंद मोहन गुप्ता, बिजनौर बार के अध्यक्ष राजीव चैहान समेत अन्य ने संबोधित किया।