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Electricity Rate UP: यूपी में महंगी होगी बिजली! लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद 30 प्रतिशत तक बढ़ेगी बिजली दरें

Electricity Rate UP: यूपी में पावर कारपोरेशन लोगों को महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी में है। मौजूदा टैरिफ प्लान के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दायर किया है। अगले साल की दरों का प्रस्ताव 15 अगस्त तक तैयार करने का आदेश द‍िया है।

मेरठJul 21, 2023 / 09:11 am

Kamta Tripathi

Electricity Rate UP: यूपी में महंगी होगी बिजली! लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद 30 प्रतिशत तक बढ़ेगी बिजली दरें

Electricity Rate UP: बिजली महंगी होने से यूपी में जनता की नाराजगी से बचने के लिए सरकार की कोशिश होगी कि बिजली की दरें लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बढ़ें। गंभीर वित्तीय संकट से जूझते पावर कारपोरेशन प्रबंधन प्रदेशवासियों को महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी कर रहा है। प्रबंधन की कोशिशों के बावजूद यूपी विद्युत नियामक आयोग द्वारा पिछले चार साल के दौरान बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में कारपोरेशन प्रबंधन ने आयोग के मौजूदा टैरिफ आर्डर के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिला किया है। इसके साथ पीसीएस प्रबंधन, अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बिजली दर बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को 15 अगस्त तक तैयार करने में जुटा है। जबकि नियमानुसार 30 नवंबर तक समय है।

चालू वित्तीय वर्ष 2023—24 में बिजली की दरों को स्थिर रखने का निर्णय 25 मई को आयोग ने सुनाया था। जबकि पावर कारपोरेशन ने 23 से 30 प्रतिशत बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। आयोग के फैसले के खिलाफ पावर कारपोरेशन की बिजली कंपनियों द्वारा गुपचुप तरीके से 11 जुलाई को अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल किया है।

ट्रिब्यूनल से बिजली कंपनियों के जीतने पर तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष 2023—24 में महंगी बिजली का झटका लगना तय है। बढ़ते घाटे और खर्चों को देखते हुए कारपोरेशन की कोशिश भी है कि अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिजली की दरें बढ़ा दी जाएं। इसके लिए प्रबंधन ने कंपनियों से इस साल 30 जून तक के आंकडों के आधार पर ही वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) और बिजली दर का प्रस्ताव 15 अगस्त तक तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

गौर करने की बात यह है कि नियमानुसार एआरआर व दर संबंधी प्रस्ताव तैयार करने के लिए 30 सितंबर तक के आंकड़े लेना होता है। छह माह के आंकड़ों पर प्रस्ताव तैयार कर बिजली कंपनियों को 30 नवंबर तक आयोग में दाखिल करना होता है। अबकी कारपोरेशन की जल्दबाजी के पीछे अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव भी है। बिजली महंगी होने से जनता की नाराजगी से बचने के लिए सरकार ये चाहेगी कि बिजली की दरें लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बढ़ें।

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न महंगी होने देंगे बिजली
उपभोक्ता परिषद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली महंगी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा टैरिफ में बढ़ोतरी के लिए बिजली कंपनियों द्वारा अपीलेट ट्रिब्यूनल में दायर मुकदमा पर नजर है।




जरूरत पड़ने पर वह अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचेंगे। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए टैरिफ कानून का उल्लंघन कर बिजली कंपनियां अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर का प्रस्ताव तैयार कर रही हैं। जिसे आयोग से खारिज कराएंगे।

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