यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ये आईपीएस अब लिख रहे किसान आंदोलन समाप्ति की पटकथा काफी कम है हवा की रफ्तार तापमान में इस परिवर्तन से मौसम में काफी तेजी से बदलाव आ रहा है। इस समय हवा की रफ्तार भी काफी कम है। हवा की रफ्तार 8 किमी प्रति घंटा बताई जा रही है। आसमान में मौसम साफ है। सूरज अपने पूरे तेवर में तो है लेकिन धूप का कोई असर नहीं पड़ रहा है। मानसून की विदाई के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान में घटते क्रम में दर्ज की जा रही गिरावट मौसम में बदलाव का संकेत दे रही है।
पिछले वर्ष से ठीक चल रहा है मौसम का कलेंडर कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष ने बताया कि यह स्थिति इस बार भी शरद ऋतु के समय से आगमन का अलर्ट है। दो साल पहले तक स्थानीय कारणों से मौसम का बिगड़ा कैलेंडर पिछले वर्ष से ठीक चलता नजर आ रहा है। उन्होंने इसे पिछले वर्ष लॉकडाउन के कारण शुद्ध हुए वातावरण को कारण बताया है। अनुमान है कि शरद चक्र इस इस वर्ष भी अपने सही समय पर मौजूद रहेगा।
नवंबर से फरवरी तक होता है शरद ऋतु डॉ. सुभाष ने बताया कि नवंबर से फरवरी तक का मौसम शरद ऋतु का माना जाता है। इस बार वर्षा का चक्र अंतिम दिनों में बेहतर रहा। विदा लेते मानसून की बारिश से मेरठ ही नहीं पूरा वेस्ट सराबोर हुआ। मानसून की विदाई के बाद अब वातावरण साफ हुआ है। नीले आकाश में कहीं कहीं बादलों के हल्के टुकड़े नजर आ रहे हैं मगर आसमान साफ होने के कारण धूप में वो तीखापन नहीं हैं। स्थानीय कारणों के अपवाद छोड़ दें तो अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगातार कम हो रहा है। अभी तीन दिनों में ही 3 डिग्री तापमान घट गया। आने वाले दिनों में इसे और कम ही होना है। मौसम में ये तब्दीली के चलते माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान में और कमी आएगी।