यह भी पढ़ेंः भाजपा विधायक संगीत सोम के घर पर ग्रेनेड आैर फायरिंग से हमले की इन गुत्थियाें को सुलझाने में पुलिस अफसरों को आ रहे पसीने ये है मामला पुलिस ने अपने ही विभाग में तैनात दरोगा के साथ ‘खेल’ करते हुए पुलिस ने बस कंडक्टर से हुए मामूली विवाद में दरोगा के बेकसूर पुत्र और उसके दोस्त को जेल भेज दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे दोनों छात्रों के साथ जमकर मारपीट भी की। पीड़ितों ने एसएसपी से शिकायत करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
यह भी पढ़ेंः अखिलेश के इस खास सिपाही ने संगीत सोम के घर पर हमले काे लेकर दिया बड़ा बयान, भाजपा नेताआें को भी एेसे घेरा सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहा पल्लवपुम के बी 45 वैष्णोधाम निवासी विरेन्द्र राणा यूपी पुलिस में दरोगा हैं। विरेन्द्र की पत्नी ओमवती के अनुसार उनका पुत्र अभिमन्यु राणा सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहा है। ओमवती ने बताया कि बीती 26 सितंबर को अभिमन्यु अपने दोस्त अंकुर पुत्र रामकिशन के साथ दिल्ली से वापस लौट रहा था। आरोप है कि रोडवेज बस के कंडक्टर द्वारा पैसे लेने के बावजूद टिकट न देने पर अभिमन्यु और अंकुर ने उसका विरोध किया तो चालक ने बस दौड़ा दी। जिसके बाद अभिमन्यु ने मोदीपुरम चैकी पर बस रूकवाकर चैकी पर मौजूद पल्लवपुरम एसओ जनकसिंह को घटना की जानकारी दी। आरोप है एसओ व चैकी इंचार्ज उपेन्द्र कुमार और कांस्टेबल अरविंद ने उल्टा छात्रों के साथ मारपीट करते हुए उन्हें हवालात में डाल दिया।
मोबाइल का डाटा किया डिलीट पुलिस ने छात्रों के टिकट फाड़ते हुए उनके मोबाइलों से उनका महत्वपूर्ण डाटा भी डीलिट कर दिया। इसके बाद दोनों निर्दोष युवकों को धारा 151 में जेल भेज दिया। छात्राें ने पुलिस पर अपना भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसएसपी से शिकायत की है। एसएसपी ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।