अतुल के साथ से ही राजनीति में सक्रिय हैं सीमा
सीमा प्रधान ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है। अतुल प्रधान ने छात्र राजनीति से निकलकर 2012 से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। इसी समय से सीम भी सपा की सक्रिय सदस्य हैं। वह सपा की महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव भी रही हैं।
सीमा प्रधान ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया है। अतुल प्रधान ने छात्र राजनीति से निकलकर 2012 से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। इसी समय से सीम भी सपा की सक्रिय सदस्य हैं। वह सपा की महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव भी रही हैं।
जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकीं सीमा
अतुल को 2012 और 2017 के विधानसभा में हार मिली थी। वह 2022 में पहली बार विधायक बने। वहीं सीमा 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थीं। ऐसे में किसी बड़े पद को हासिल करने के लिहाज से वह अतुल से सीनियर हैं।
2015 में हुए मेरठ जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सपा की सीमा प्रधान ने बीजेपी प्रत्याशी कुलविंदर को दो वोट से हराया था। हालांकि 2017 में सरकार बदलने के बाद सीमा को पद से हटना पड़ा था। अब वह मेरठ की मेयर बनने के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं।