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इंस्पेक्टर को सता रहा है गिरफ्तारी का डर गाजियाबाद में भी इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह को तत्कालीन एसएसपी सुधीर कुमार ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया था और जेल भिजवा दिया था। इसी डर से बिजेंद्र राणा ने हाईकोर्ट में एक मामले में अपने बयान दर्ज करने की बात कह प्रयागराज की राह पकड़ ली। मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार हेड कॉन्स्टेबल को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसको जेल भेज दिया गया। वहीं फरार इंस्पेक्टर की तलाश की जा रही है। शुरू से ही संदिग्ध रही है इंस्पेक्टर की भूमिका पूरा खेल ट्रक चोरी मामले से जुड़ा हुआ है। इसमें फर्जी मुकदमा सदर बाजार में दर्ज हो गया था। इस फर्जी मुकदमे की जांच के निर्देश एसएसपी ने इंस्पेक्टर सदर बाजार बिजेंद्र सिंह राणा को दिए थे। मामले का राजफाश तो इंस्पेक्टर ने कर दिया, लेकिन इसी मामले में वह खुद भ्रष्टाचार के आरोप में फंस गया। ट्रक चोरी के मामले में आरोपियों से ही इंस्पेक्टर ने पैसा वसूलना शुरू कर दिया। ट्रक बरामद कराने के लिए एसएसपी ने इंस्पेक्टर से कहा कि ट्रक मालिक और ड्राइवर को छोड़ दो, वही ट्रक लाकर देंगे। इसके बाद इंस्पेक्टर की नीयत बदल गई।
पहले भी एसओ सदर की मिल चुकी हैं शिकायतें एसएसपी ने भ्रष्टाचार को लेकर पहली क्राइम मीटिंग में सभी थानेदारों को चेतावनी दी थी। सोतीगंज में लगातार वाहन चोरों और कबाड़ियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इसके बाद भी वहां पर लगातार चोरी के वाहन मिल रहे थे। इस दौरान भी सदर थाने की तीन शिकायत एसएसपी तक पहुंची।
भ्रष्टाचार मुक्त थाने के लगवाए थे पोस्टर भ्रष्टाचार के आरोपी इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा ने थाने पर भ्रष्टाचार मुक्त के पोस्टर खुद चस्पा कराए थे। सोशल मीडिया पर इसकी पोस्ट भी वायरल हुई थी कि हमारा थाना अब भ्रष्टाचार से मुक्त है। इस पोस्ट को लेकर पुलिस विभाग में अलग-अलग चर्चाएं थी।
जिले में भ्रष्टाचार का दूसरा मुकदमा एसएसपी ने पुलिस पर भ्रष्टाचार का यह दूसरा मुकदमा दर्ज कराया है। 15 पुलिसवाले सस्पेंड किए गए। 100 से ज्यादा पुलिसवाले पुलिस लाइन में भेजे। एक महीने पहले गंगानगर थाने में दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया था। अभी उस मामले में दरोगा फरार चल रहा है। अब सदर इंस्पेक्टर को भी पुलिस ने लिखापढ़ी में फरार बताया है। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है।
15 अगस्त को मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार भ्रष्टाचार के मामले में फरार इंस्पेक्टर सदर को 15 अगस्त पर राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। कंकरखेड़ा थाने में पोस्टिंग के दौरान दिल्ली के शातिर अपराधी शक्ति नायडू एनकाउंटर में ढेर करने को लेकर तत्कालीन एसएसपी और इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा को यह अवार्ड मिला था।
सोतीगंज को लेकर शुरू से बदनाम रहा थाना सदर सोतीगंज में 100 से अधिक कबाड़ी हैं, जो कि चोरी और लूट के वाहन अपने गोदामों में काटते हैं। सदर थाना हमेशा ही इस मामले में भ्रष्टाचार के लिए बदनाम रहा है। थाने में पोस्टिंग को लेकर इंस्पेक्टर और दरोगाओं में बोली तक लगती है। सपा और बसपा सरकार में सत्ताधारी नेताओं के करीबी इंस्पेक्टर को ही यहां का चार्ज मिलता था।
दोषी होंगे तो इंस्पेक्टर की होगी गिरफ्तारी- एसएसपी एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि भ्रष्ट्राचार में जो भी पुलिसकर्मी लिप्त होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वे जिले के थानों को भ्रष्टाचार से मुक्त करेंगे। भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच चल रही है इंस्पेक्टर अगर दोषी होंगे तो उन्हें भी जेल भेजा जाएगा। वहीं भ्रष्टाचार के आरोप के बाद प्रयागराज रवाना हुए इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा ने पहले की ही तरह फिर से दोहराया कि वे मुकदमे के सिलसिले में प्रयागराज में हैं। उन्हें प्रकरण की जानकारी नहीं है। पुलिस फरार इंस्पेक्टर को तलाश रही है।
BY: KP Tripathi
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