दरअसल, यूपी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों के अंकपत्र में उनके नाम, माता-पिता का नाम व जन्मतिथि और वर्तनी त्रुटि के संशोधन को अब उन्हें क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इन संशोधन के लिए अब छात्रों की यूपी बोर्ड मदद करेगा। इसके लिए सचिव द्वारा 13 सितंबर को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
अब ऐसे होंगे संशोधन यूपी बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के क्षेत्रीय बोर्ड सचिव राणा सहस्त्रांशु सुमन का कहना है कि प्राप्त नोटिफिकेशन में कहा गया है कि डीआईओएस अपने जिले के सभी राजकीय एडेड व वित्तविहीन स्कूल के प्रिंसिपलों को बुलाकर उनके संग एक बैठक करें और उन्हें कहा जाए कि यदि छात्र-छात्रा किसी तरह का संसशोधन या सुधार कराना चाहते हैं तो उसे वह अपने स्तर पर ही कर दें और अपनी संस्तुति के साथ उसे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रााथमिकता के आधार पर भेज दें।
प्रमाणपत्र मिलने की स्थिति में करना होगा ये काम उन्होंने बताया कि अगर छात्र-छात्रा ने अपना प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है और उसमें किसी तरह का संशोधन अपेक्षित है तो इस संबंध में स्कूल अपने परिसर में संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय का नाम, कार्यालय का फोन नंबर, ई-मेल आईडी आदि नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दें। जिससे छात्रों के लिए आसानी हो सके और उनको जानकारी हो सके कि उन्हें किस क्षेत्रीय कार्यालय और किस अधिकारी से संपर्क कर संशोधन करना है।
गौरतलब है कि यूपी बोर्ड के प्रदेश में प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी व बरेली में चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं। 1986 के बाद से इन्हीं क्षेत्रीय कार्यालयों में छात्रों के प्रमाणपत्रों में संशोधन किया जाता है। 1986 के पहले सभी काम बोर्ड मुख्यालय में ही होते थे। वहीं पिछले साल ही गोरखपुर में भी क्षेत्रीय कार्यालय बनाया गया है। जिसमें सिर्फ 2018 से ही रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। अब इस नोटिफिकेशन के बाद छात्रों को संशोधन के लिए क्षेेत्रीय कार्यालय के भी चक्कर नहीं काटने पडेंगे।