दरअसल, मेरठ के बुढ़ाना गेट निवासी अंकित गुप्ता और इंद्रा चौक निवासी अंसार अहमद ने इस संबंध में एसएसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। एसएसपी के निर्देश पर साइबर क्राइम सेल ने जांच की। जांच रिपोर्ट के अनुसार अंकित और अंसार नौकरी के संबंध में दिल्ली के फ्लाईजोन एविएशन इन्सटीट्यूट में पहुंचे। इस दौरान दोनों युवकों को बताया गया कि राष्ट्रपति भवन में कम्प्यूटर ऑपरेटर के दो पद खाली हैं। इसके बाद इन्सटीट्यूट में मौजूद लोगों ने कागजातों की जांच, पुलिस वैरीफिकेशन और अन्य प्रक्रिया के नाम पर रुपए की मांग की । इसके बाद दोनों युवकों ने 1.60 लाख रुपये बैंक खाते में जमा किए और 45 हजार की रकम नगद अदा की। पैसे लेने के बाद दोनों युवकों को फ्लाईजोन एविएशन इन्सटीट्यूट ने फर्जी ऑफर लैटर थमा दिए। इसके बाद जब दोनों युवक खुश होकर नौकरी ज्वॉइन करने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो उन्हें वैकेंसी नहीं होने और ऑफर लैटर फर्जी होने की बात कहकर लौटा दिया गया।
पुलिस की जांच में पता चला है कि अंकित और अंसार अहमद से जिस आईसीआईसीआई बैंक के खाते में रकम जमा करवाई गई थी। वह खाता विराट मरीटाइम एकेडमी हजरत निजामुद्दीन दिल्ली के नाम पर है। इस कंपनी के डायरेक्टर अरुण शौकीन और जरीन नाजमी दिल्ली निवासी हैं। अरुण और जरीन फ्लाईजोन एविएशन इन्सटीट्यूट के डायरेक्टर हैं।इसके अलावा मेरठ के दोनों युवकों ने जिन मोबाइल नंबरों पर नौकरी के संबंध में बातचीत की थी, वे नंबर धीरज सलीमपुर हाथरस, तबस्सुम मेहंदी पासा जोया अमरोहा, रिजुद्दीन साउथ दिल्ली और अरुण शौकीन द्वारिका नई दिल्ली के नाम पर हैं। पुलिस ने सुबूत के तौर पर रुपयों के लेनदेन से संबंधित कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्स चेट को आधार बनाया है। साइबर क्राइम सेल एक्सपर्ट्स उमेश वर्मा ने बताया कि केस में एविएशन इन्सटीट्यूट के दो डायरेक्टरों सहित छह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने की रिपोर्ट थाना कोतवाली को भेज दी गई है।
भाजपा मुख्यालय में काम करने वाले से राष्ट्रपति भवन में नौकरी के नाम पर 6 लाख की ठग
गौरतलब है कि इससे पहले सत्ताधारी भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में काम करने वाले एक कर्मचारी के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की बड़ी वारदात सामने आई है। संतराम नामक इस युवक से राष्ट्रपति भवन में नौकरी दिलाने के नाम पर एक शातिर महिला छह लाख रूपए ठककर फरार हो गए। इस ठग महिला ने खुद को मीडियाकर्मी बताकर पहले तो कर्मचारी का भरोसा जीता और फिर उससे छह लाख रुपए लेने के बाद गायब हो गई। कर्मचारी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बताया जाता है कि नई दिल्ली के 11 अशोका रोड स्थित भाजपा के पुराने मुख्यालय में कार्यरत संतराम की मुलाकात लक्ष्मी नामक की एक महिला से हुई। संतराम के मुताबिक यह महिला लगातार भाजपा कार्यालय आती-जाती रहती थी और वह खुद को मीडियाकर्मी बताती थी। महिला ने युवक को पहले अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर झांसे में लिया। लक्ष्मी ने बताया था कि उसके कई मंत्रालयों में उच्च पदस्थ अधिकारियों से संपर्क है। इसी दौरान राष्ट्रपति भवन में माली पद के लिए भर्ती निकली थी। आरोपी महिला ठग लक्ष्मी ने संतराम से कहा कि अगर उसका कोई जानकार हो तो वह उसकी नौकरी लगवा सकती है। इसके बाद संतराम आरोपी महिला के झांसे में आ गया। इसके बाद उसने कहा कि छोटे भाई की नौकरी लगवा दें। आरोपी मिहला लक्ष्मी ने उससे कहा कि नौकरी के बदले 10 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके बाद युवक संतराम अपने भाई की नौकरी लगने के सपने देखने लगा। इसके बाद तीन किस्त में रुपए देने की बात भी कर ली।
आरोप के मुताबिक आरोपी महिला ने खुद ही संतराम के भाई का फॉर्म भी भरा। आरोपी लक्ष्मी की मांग पर फॉर्म भरने के बाद संतराम ने उसके पंजाब नेशनल बैंक के खाते में फरवरी 2016 में 3 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए डाल दिए। इसके कुछ दिन बाद लक्ष्मी ने संतराम के दोस्त की ई-मेल आईडी पर उसके छोटे भाई का रिसिविंग और इंटरव्यू लेटर मेल कर दिया। इसके बाद अप्रैल 2016 में संतराम से इस ठग महिला ने फिर 3 लाख रुपए ले लिए। भाई की नौकरी के लिए 6 लाख रुपए देने के कुछ समय बाद जब संतराम ने लक्ष्मी से संपर्क किया तो काफी समय तक उसे टालती रही। इससे तंग आकर जब संतराम ने नौकरी न लगवा पाने पर लक्ष्मी से अपने रुपए वापस मांगे तो उसने अपनी पहुंच का हवाला देते हुए धमकी देनी शुरू कर दी। महिला ने उसे धमकाया कि अगर उसने इसकी शिकायत पुलिस में दी तो वह उसे और उसके दोस्त को झूठे मुकदमे में फंसा देगी। इसके बाद खुद को ठगा महसूस करने पर संतराम ने संसद मार्ग थाने में 27 मई को रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्जकर ठग महिला की तलाश में जुट गई है।