यह भी पढ़ेंः योगी राज में पुलिस कर रही बड़ा खेल, इस बात पर भिड़ गए पुलिस वाले यह भी पढ़ेंः रमजान में रोजेदार रखें इन बातों का ध्यान तो रहेगा फायदेमंद 17 साल पहले दुनिया से विदा 17 साल पहले दुनिया से विदा हो गई दो बच्चियों की शादी का। बस्ती में नट जाति के लोग रहते हैं और उनका मानना है कि उनके जो लोग दुनिया छोड़ जाते हैं वे किसी न किसी रूप में उनके बीच जीवित रहते हैं। इसलिए अगर किसी बच्चे की मृत्यु हो जाती है तो उसकी उसी रीति-रिवाज के साथ शादी की जाती है। जिस तरह से जीवित लोगों की होती है। मरने वाले बच्चे की शादी उसकी फोटो के साथ की जाती है। शादी समारोह के दौरान दूल्हा-दुल्हन के स्थान पर मृतक बच्चों के फोटो होते हैं। इसी तरह बुधवार को दो मृतक बच्चियों की शादी उनकी फोटो के साथ दो मृतक बच्चों की फोटो से कराई गई। बताते है कि जिस समय उनकी मृत्यु हुई उस दौरान उनकी उम्र करीब 5 से छह वर्ष के आसपास रही होगी। मृतक बच्चों की तस्वीर के साथ शादी की सभी रस्में पूरी की गई। बारातियों ने दावत उड़ाई और डीजे की धुन पर थिरके थी। बस्ती के राजबीर की बच्ची रूपा का निधन करीब 17 वर्ष पूर्व पांच साल की उम्र में हो गया था। उसी समय उसके पड़ोसी मुनेश की बेटी पायल का निधन भी हुआ था। वहीं दूसरी ओर भावनपुर के आलमपुर गांव निवासी गोविंदा और अक्षय के पुत्र का निधन भी इसी उम्र में हो गया था।
यह भी पढ़ेंः रमजान शुरू होने पर नौचंदी मेले के इतिहास में लिए गए इस निर्णय से मच गया बवाल यह भी पढ़ेंः इन जनपदों में मिलने जा रही है खास छूट, कहीं इसमें आप तो शामिल नहीं बारात पहुंची खरखौदा के उल्धन गांव गांव आलमपुर से बाराती खरखौदा के उल्धन गांव पहुंचे। बारातियों के साथ दोनों मृत बच्चों की फोटो दूल्हे की तरह सजाए गए थे। फोटो के ऊपर सेहरा रखा गया था और नोटों की माला भी रखी गई थी। बारातियों के लिए खाने का इंतजाम था। ढोल की थाप पर बाराती नाच रहे थे। दूसरी ओर बच्चियों के फोटो दुल्हन के रूप में सजाकर शादी की हर रस्म पूरी की गई। परिवार के मुखिया का कहना था कि उनके यहां यह प्रथा कि अगर किसी बच्चे की मौत हो जाती है तो उसके बालिग होने की उम्र के बाद इसी तरह मृत बच्चों की शादी की जाती है।