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व्यापारियों के लिए राहत की बात ये हैं कि अब उन्हें हर तिमाही यानी साल में चार बार रिटर्न (जीएसटी आइटीसी-04) भरने से छुटकारा मिल गया है। सेवा प्रदाता (जॉब वर्क) कारोबारियों को दो श्रेणियों में बांटते हुए साल में एक अथवा दो बार जीएसटी आइटीसी-04 भरने का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में जीएसटी काउंसिल द्वारा निर्णय लिया गया है। जीएसटी काउंसिल ने व्यवस्था में किया बदलाव जीएसटी अधिकारी विपुल तोमर ने बताया कि विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने वाले कारोबारियों को पहले हर तिमाही जीएसटी आइटीसी-04 भरना होता था। तिमाही के समाप्त होने पर अगले महीने की 25 तारीख तक रिटर्न जमा करना अनिवार्य होता था। तय तिथि में रिटर्न न जमा करने पर जुर्माना और ब्याज भी जमा करना पड़ता था। हालांकि जीएसटी काउंसिल की ओर से कारोबारियों को राहत देते हुए इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इससे अब पांच करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर से कम के कारोबारियों को साल में एक बार और पांच करोड़ से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर के कारोबारियों को वर्ष में दो बार रिटर्न भरना होगा।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष विष्णु दत्त पराशर ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी अधिनियम की धारा 45 (3) के तहत यह लाभ कारोबारियों को दिया है। इससे रिटर्न जमा करने पर विलंब होने से व्यापारियों को जो जुर्माना और ब्याज देना पड़ता था। उससे भी काफी हद तक राहत होगी।