सेंपल की जांच सच संस्था के संदीप पहल ने पिछले साल तीन दिसंबर को किनौनी चीनी मिल के खिलाफ कमिश्नर से शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता विजय कुमार ने मिल के वेस्टेज का सेंपल जांच के लिए भेजा था। साथ ही शासन व प्रशासन को पत्र लिखकर कहा कि रात में किनौनी ड्रेन से कचरा हिंडन नदी में छोड़ा जा रहा है। जल प्रदूषण एवं निवारण अधिनियम की धारा 33 ए के तहत मिल को बंद करने की सिफारिश की गई।
फिर हुर्इ माॅनिटरिंग इसके बाद क्षेत्रीय नियंत्रण बोर्ड ने भी चीनी मिल की माॅनिटरिंग की। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तर प्रदेश, एनजीटी एवं प्रशासनिक टीम ने किनौनी मिल की माॅनिटरिंग करके हिंडन में कचरा गिराने की पुष्टि की। किनौनी चीनी मिल से प्रदूषण के कारण आसपास के गांवो के लोगों ने गंभीर बीमारियां फैलने की शिकायत की थी, इसके बावजूद क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड से लगातार क्लीन चिट मिलती आ रही थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि अगर इस पर कार्रवार्इ नहीं हुर्इ तो 15 से ज्यादा गांव इसकी जद में आ जाएंगे। तमाम शिकायतों के बाद जब जांच की गर्इ, तो ये सही पायी गर्इ। चीनी मिल के प्रदूषण से दर्जनों गांवों में बीमारियां फैलने से लेकर तमाम आरोप लगाए थे।