यह भी पढ़ें- जानिये कौन है लीना, जिसने ब्लाइंड मर्डर केस के तीन हत्यारों को पहुंचाया सलाखों के पीछे गांव नारंगपुर की रहने वाली नीलम ने बताया कि वह विधवा है। उसके चार साल का एक बेटा है। गांव के ही पांच युवकों ने घर में घुसकर उससे और उसके परिवार की अन्य महिलाओं के साथ जमकर मारपीट की। नीलम ने बताया कि युवकों ने उसके कपड़े फाड़ दिए और बलात्कार करने की कोशिश की। बीच-बचाव में आए भाई का आरोपियों ने हाथ तोड़ दिया। शोर-शराबा होने पर आरोपी मारपीट करते हुए मौके से फरार हो गए। नीलम ने इन लड़कों के नाम शीशपाल, मनोज और कुलदीप बताए हैं। जबकि दो अन्य युवक भी इन हमलावर आरोपियों के साथ थे।
नीलम ने बताया कि आरोपियों ने उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी है, जिसके चलते वे लोग खौफ में हैं। पीड़ितों ने दबंगों के खौफ के चलते खुद को घर में कैद कर लिया। घटना के संबंध में पीड़ित् परिवार ने थाने में तहरीर दी, लेकिन अभी तक थाने में इस संबंध में कोई मुकदमा नहीं लिखा गया। पुलिस की लापरवाही देखिए कि थाने से कोई पुलिसकर्मी पीड़ितों के पास घटना की जांच के लिए भी नहीं पहुंचा। वहीं चौकी इंचार्ज पीड़ित परिवार के पास पहुंचा और मामले में समझौते की बात करने लगा। बेचारा पीड़ित परिवार इस दहशत में मेरठ से ही पलायन कर गाजियाबाद जाकर बस गया। इस बारे में जब एसपी देहात अविनाश पांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संंज्ञान में है। इस बारे में थानाध्यक्ष से बात की गई थी। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं को कोई परेशानी है तो वे उनसे सीधे आकर मिल सकती हैं।