चाइनीज मांझे से बढ़ रहे फाॅल्ट चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद यह चोरी-छिपे खूब बिक रहा है। पतंगबाजी में चाइनीज मांझे का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। चाइनीज मांझा प्लास्टिक, लोहे व कांच के पाउडर समेत अन्य धातुआें को मिलाकर बनाया जाता है। इससे चाइनीज मांझे की धार ज्यादा पैनी होती है। साथ ही इसमें लोहे के पाउडर का इस्तेमाल किए जाने के कारण बिजली के फाॅल्ट भी बढ़ाते हैं। दरअसल, पतंग यदि बिजली के खंभे में उलझ जाए या मांझा बिजली के तारों से टकरा जाए, तो फाॅल्ट होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। चाइनीज मांझे के कारण शहर के पुराने इलाकों में फाॅल्ट करीब 20 फीसदी ज्यादा बढ़ गए हैं।
लोग हैं परेशान घंटाघर, खैर नगर, कोतवाली, लिसाड़ी गेट, ब्रह्मपुरी, माधवपुरम, वैली बाजार, लाला का बाजार, देहली गेट, जाटव गेट, प्रहलाद नगर, सदर, लालकुर्ती, गोला कुआं, बुढ़ाना गेट, इंदिरा चौक, सुभाष नगर, बेगमबाग, पीएल शर्मा रोड समेत अन्य पुराने इलाकों में बिजली के फाॅल्ट बढ़े हैं। बिजली के कट बार-बार लगने से लोगों को बिजली व पानी परेशान किए हुए है। यहां सबसे ज्यादा पतंगबाजी भी होती है। यहा घनी आबादी व संकरे गली-मोहल्ले होने के कारण पतंग बिजली के खंभों व तारों में उलझने से फाॅल्ट ज्यादा बढ़ गए। एसर्इ अर्बन संजय अग्रवाल का कहना है कि बसंत पंचमी पर चाइनीज मांझे से फाॅल्ट बढ़ गए हैं, इसलिए बिजलीघरों के स्टाफ को 22 जनवरी तक अलर्ट रहने के लिए कहा गया है, ताकि उनके क्षेत्र में पतंगबाजी के दौरान पतंगें बिजली के खंभों व तारों में उलझें तो तुरंत सही किया जा सके। जिससे लोगों को परेशानी न हो।