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बता दें कि कंकरखेड़ा क्षेत्र के रामनगर की रहने वाली शिक्षिका सात नवंबर को घर से अपना पासपोर्ट लेकर लापता हो गई थी। गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने जानकारी जुटाई, जिसमें पता चला कि शिक्षिका स्वेच्छा से दुबई गई है। उसे पाकिस्तानी नदीम ने बहकाया था। नदीम काफी दिनों से शिक्षिका के संपर्क में था। नदीम ने ही शिक्षिका के टिकट का भुगतान 22 हजार दो सौ रुपये भी दुबई से किया था। पुलिस ने शिक्षिका की बरामदगी को लेकर दिल्ली दूतावास से लेकर विदेश मंत्रालय तक पत्र जारी किए। एक माह की जद्दोजहद के बाद शिक्षिका वापस लौट आई। मंगलवार की शाम शिक्षिका दिल्ली एयरपोर्ट पर आ गई थी, जहां से उसे दिल्ली में यूएई दूतावास में लाया गया। उससे पूछताछ करने के बाद एसएसपी अजय कुमार साहनी को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद परिवार और क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली गई। बुधवार को शिक्षिका को टीम वापस लेकर आ गई। कई गिरोह फेसबुक, ट्विटर और सोशल मीडिया पर सक्रिय इस संबंध में शिक्षिका के भाई का कहना है कि बहन ने बताया है कि नदीम से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। नदीम ने नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। दुबई उतरने के बाद नदीम वहां नहीं मिला। उसके बाद उसने खुद ही कई कंपनियों में नौकरी की तलाश की। इसी बीच यूएई दूतावास के संपर्क में आ गई। जहां से उसे वापस लाया गया। शिक्षिका के भाई का कहना है कि ऐसे कई गिरोह फेसबुक, ट्विटर और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, जो लड़कियों को बहकाकर उनको बुलाते हैं और फिर लड़कियों को गलत काम की ओर धकेल देते हैं। उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी बहन के साथ कोई ऐसा गलत काम नहीं हुआ है। वहीं उसने सरकार और पुलिस को भी सहयोग के लिए बहुत—बहुत धन्यवाद दिया है।