मेरठ

Swine Flu और Coronavirus के खौफ से मास्क की बढ़ी डिमांड, स्टॉक कम होने पर इतनी कीमत में खरीद रहे लोग

Highlights

एकाएक बढ़ी सभी तरह के मास्क की डिमांड
मास्क की कालाबाजारी, स्टॉकिस्ट हुए बेबस
बाजारों में सर्वाधिक किल्लत एन-95 मास्क की

मेरठMar 05, 2020 / 11:31 am

sanjay sharma

मेरठ। कोरोना और स्वाइन फ्लू की दहशत से चारों ओर भय है। स्कूल हो या पब्लिक प्लेस हर जगह पर लोग बचाव में मास्क लगाकर घूम रहे हैं। मास्क की डिमांड इतनी बढी कि बाजार से मास्क आउट ऑफ स्टॉक हो गया है। क्वालिटी मास्क ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। एकाएक बढ़ी मांग की वजह से मास्क के दाम चार गुना तक बढ़ गए हैं। मास्क की कालाबाजारी के चलते होलसेलर्स ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। जिसका सीधा असर बाजार के साथ ही लोगों पर पड़ रहा है। मास्क की मांग बढऩे के बावजूद अधिकतर मेडिकल स्टोर्स पर मास्क नहीं मिल रहे हैं।
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सभी मास्कों की ये है स्थिति

बता दें कि बाजार में कई तरह के मास्क मिलते हैं। इनमें सबसे साधारण हरे रंग का टू प्लाई-थ्री प्लाई मास्क होता है। ये मास्क होलसेल में दो से ढाई रुपये तक मिल जाता है, लेकिन अब इनकी कीमत 7 रुपये तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा किल्लत एन-95 मास्क की हो रही है। होलसेल में 50 से 100 रूपये में मिलने वाला ये मास्क 300 से 400 रुपये तक में भी उपलब्ध नहीं है। वहीं जाली वाला काला मास्क जो पहले होलसेल में 4 से 5 रुपये में मिलता था, अब 30 रूपये में मिल रहा हैं। वहीं मास्क बनाने वाली कंपनी ने भी दरों में बढोतरी कर दी है। मेरठ के मेडिसिन होलसेल मार्केट में मास्क को लेकर इन दिनों बहुत मारामारी चल रही है। मेरठ मेडिसिन एसोसिएशन के रजनीश कौशल बताते हैं कि दो से ढाई रुपये में मिलने वाला साधारण मास्क अब होलसेल में ही 5 से 7 रुपये का मिल रहा है, जबकि बाहर से आने वाले मास्क का स्टॉक इन दिनों पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जबकि जिनके पास पुराना स्टॉक है वह मनमाने रेट पर इन्हें बेच रहे हैं।
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सीजन में नुकसान में होलसेलर्स

इन दिनों बीमारियों का मौसम होने के चलते मास्क के होलसेलर्स करोड़ों का नुकसान झेल रहे हैं। मेरठ की बात करें तो यहां छोटे-बड़े मिलाकर मास्क के करीब 40 होलसेलर्स हैं। सीजन में करीब हर महीने का 20 से 25 लाख का टर्नओवर मास्क का रहता है। इस बार लेकिन मामला उल्टा हो गया है। रजनीश बताते हैं कि डिमांड होने के बावजूद होलसेलर्स महंगे दामों पर मास्क नहीं मंगवा रहे हैं। ऐसे में हर दिन नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।
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बढकर दो लाख तक पहुंच गई मांग

अन्य दिनों के मुकाबले इन दिनों मास्क की मांग कई गुना बढ़ गई है। पहले जहां मेरठ में दस हजार मास्क की मांग रहती थी, वहीं अब ये दो लाख मास्क तक पहुंच रही है। हालात यह है कि कंपनियों के पास मास्क ही नहीं हैं। रजनीश बताते हैं कि आने वाले समय में दवाइयों और सर्जिकल पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। होलसेलर मनोज शर्मा बताते हैं कि मास्क मिलना मुश्किल हो गया है। मैन्यूफैक्चर्स की तरफ से दाम कई गुना बढ़ गए हैं। महंगे रेट्स पर हम मास्क मंगवा ही नहीं पा रहे हैं। सप्लाई आ ही नहीं रही है। बाजार में मास्क की मारामारी चल रही है। बाजार में मास्क खरीदने आई छात्रा शताक्षी ने बताया कि वह बाजार में काफी समय से मास्क खरीदने के लिए दुकानों के चक्कर लगा रही है। अब उसको एक दुकान में मास्क मिला। शताक्षी ने यह मास्क 30 रूपये का खरीदा यानी जो मास्क 10 रूपये में मिलता है वह 30 रुपये में खरीदना पड़ा।

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