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मेरठ

विपक्षी नेताओं की नजरबंदी पर बोले छात्र नेता ”देश आपातकाल से बुरे हालात”

छात्र नेताओं को नजरबंद करने से छात्रसंघों में आक्रोश
छात्र संघ और किसान संगठनों ने की पत्रकार वार्ता
बोलेे अब मीडिया ही देश में हमारे हक की बात पहुंचाए

मेरठDec 15, 2020 / 08:48 pm

shivmani tyagi

पत्रकारों स वार्ता करते छात्र नेता

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मेरठ ( meerut news ) किसान आंदोलन के बाद से जिस तरह से विपक्षी नेताओं और छात्र नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है. पुलिस-प्रशासन की इस कार्रवाई से छात्र संघों और किसान संगठनों में आक्रोश है।
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इस संबंध में आज मेरठ के कमिश्नरी पार्क में छात्र संघ नेता और किसान संगठनों के पदाधिकारी एकत्र हुए। इन संगठनों ने भाजपा सरकार पर दमन का आरोप लगाया। कमिश्नरी पार्क में छात्र संघ एवं किसान संगठन द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर प्रमुख नेताओं ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य किसानों के और युवाओं के हकों की बात को पूरे प्रदेश में पहुंचाना है। किसान नेताओं का कहना था कि आज जैसा दौर हम देख रहे हैं इस दौर की कल्पना 1975 के आपातकाल दौर से की जा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेरठ आगमन पर तमाम विपक्षी नेताओं और छात्र संगठन के पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा नजरबंद कर लिया गया था। इनमें से अधिकांश लोगों के 151 में चालान भी किए गए हैं। सवाल उठाया कि आखिर किस अधिकार से प्रशासन और शासन आम जनता की बात को दबाना चाहता है।
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छात्र संघ अध्यक्ष भानु प्रताप का कहना है कि किसान और युवा ही देश की बुनियाद हैं और इन्हें अगर हकों से वंचित किया जाएगा तो पूरे देश में एक देशव्यापी आंदोलन सत्ता के खिलाफ होगा। छात्र संघ अध्यक्ष आशुतोष मलिक ने कहा कि ये कहां का लोकतंत्र है ? युवाओं को घर में बंधक बनाया जा रहा है। इससे भाजपा सरकार क्या संदेश देना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में हालात ठीक नहीं है। भाजपा सरकार विपक्ष और छात्र संघों को समाप्त करने का कुचक्र रच रही है।

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