यह भी पढ़ेंः VIDEO: आप विधायक की जीत पर गांव में जश्न और जुलूस के दौरान नारेबाजी, पुलिस ने किया लाठीचार्ज डीआईओएस ने कहा कि केंद्र व्यवस्थापक के मोबाइल से सीसीटीवी कैमरे जोडऩे होंगे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सुविधा और अन्य संसाधन भी सुनिश्चित करने होंगे। ऐसा नहीं करने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई होगी। मंगलवार को यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। डीआईओएस ने कहा कि नकलविहीन परीक्षा करवाने के लिए इस बार सीसीटीवी कैमरों और डीवीआर के आईपी एड्रेस से वेबकास्टिंग के जरिए कंट्रोल रूम लाइव मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है, इसलिए इससे जुड़ी सभी संसाधन दुरुस्त कर लिए जाएं। इसके अलावा बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों को रखने में कोई चूक न हो, इसके लिए जहां भी पेपर रखे जाएं, वहां सुरक्षा पुख्ता हो। उन्होंने कहा कि परीक्षा में मोबाइल फोन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। परीक्षा केंद्र में आने वाले शिक्षक भी स्मार्ट फोन नहीं लाएंगे। प्रवेश के दौरा परीक्षार्थियों के जूते-मोजे खोलकर जांच की जाएगी। परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष में जूते-मोजे खोलने को नहीं कहा जाएगा।
यह भी पढ़ेंः Maha Shivaratri 2020: भगवान शिव की पूजा करें इस रंग के कपड़े पहनकर, भोले बनाएंगे सारे बिगड़े काम, Video उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र के आसपास फोटोकॉपी की दुकानें बंद रहेंगी। यदि स्कूल में फोटोकापी मशीन रखी है तो उसे परीक्षा के दौरान बंद रखा जाएगा। परीक्षा के दौरान स्कूल प्रबंधन का भी व्यक्ति केंद्र के 100 मीटर के दायरे में नहीं जाएगा। बैठक में कई प्रधानाचार्यों ने शिक्षकों की ओर से सीसीएल मांगे जाने का मुद्दा उठाया। इस पर डीआईओएस ने साफ कहा है कि परीक्षा के दौरान शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) नहीं दी जाएगी। यह सिर्फ उन्हीं को स्वीकृत की जाएगी, जिनके बच्चे बोर्ड परीक्षा देंगे। डीआईओएस ने कहा है कि बोर्ड परीक्षा में जिन शिक्षकों के पास पिछले साल के ड्यूटी आईकार्ड हैं, वह मान्य होंगे।