मेरठ

लेडी सिंघम ने इस मामले पर लिया बड़ा फैसला, एक ही थाने के इंस्पेक्टर, दरोगा और कांस्टेबल किए निलंबित

गोकशी के मामले में पकड़ा था चार लोगों को, एक की हो गर्इ थी मौत, एसपी देहात से जांच कराने के बाद लिया यह निर्णय लिया
 

मेरठApr 26, 2018 / 11:46 am

sanjay sharma

मेरठ। मवाना में हिरासत के दौरान हुई युवक की मौत के मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने मवाना एसआे इंस्पेक्टर बृजेश कुशवाह, दरोगा धर्मेंद्र श्योराण और कांस्टेबल ओमकार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस पूरे प्रकरण में एसएसपी मंजिल सैनी ने एसपी देहात को जांच सौंपी थी, जिसमें उपरोक्त तीनों दोषी पाए गए थे। जिस पर एसएसपी ने ये फैसला लिया। हिरासत में थर्ड डिग्री देने के बाद जेल में बंद किए गए नरेंद्र नागर नशे की लत थी। जेल में उसे नशा नहीं मिला तो उसे दिल का दौरा पड़ गया। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।
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विधायक और जिलाध्यक्ष के पहुंचने से मामला गर्माया

डोरली में मृतक के घर भाजपा विधायक दिनेश खटीक और भाजपा जिलाध्यक्ष शिव कुमार राणा के पहुंचने से मामला गर्मा गया। विधायक का आरोप है कि सठला गांव के प्रधान ने पुलिस से सेटिंग कर गाड़ी रुकवाई और चारों को पुलिस थाने में रखा और वहां पर पुलिसकर्मियों ने उसे थर्ड डिग्री दी। जिस कारण नरेंद्र की जेल में मौत हो गई।
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नरेंद्र की मौत से मवाना थाने में पसरा सन्नाटा

मवाना पुलिस ने शनिवार को गांव सठला के पास से एक गाड़ी में गाय लेकर जा रहे चालक समेत चार लोगों को पकड़ा था। आरोप था कि उन्हें गोकशी के लिए ले जा रहा है। पुलिस ने इन चारों को रविवार को जेल भेज दिया था। जिसमें जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में चालक नरेंद्र की मौत के बाद थाने में सन्नाटा पसरा हुआ है। हंगामे के मद्देनजर आस-पास के थानों की पुलिस पूरे दिन थाने में तैनात की गर्इ है।
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यह है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि पुलिस ने शनिवार को गाड़ी में दो गाय ले जाते समय चालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि गाय को गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस ने गाड़ी सीज कर दी थी तथा गायों को गोशाला भेज दिया था। गाड़ी चालक समेत चारों को जेल भेज दिया था। चालक नरेंद्र डोरली की मंगलवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में मंगलवार को ही जेल भेजे गए गांव राफन निवासी युवकों के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने झूठे आरोप में जेल भेजा है। उन्होंने तहसील में धरना देकर सीओ से शिकायत भी की थी। वहीं, नरेंद्र की मौत के बाद कार्रवाई की आशंका के चलते पूरे दिन थाने में सन्नाटा पसरा रहा। हंगामे की आंशका के चलते आस-पास के थानों की पुलिस फोर्स पूरे दिन थाने पर जमा रही।

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