मेरठ

CAA: मेरठ में आफिस खोलकर उपद्रवियों को दिया गया था प्रशिक्षण, पुलिस ने जांच में नए तथ्य आए सामने

Highlights

पुलिस और खुफिया विभाग को नहीं लग सकी षडयंत्र की जानकारी
एसएसपी ने कहा- एसडीपीआई और पीएफआई ने बनाया था ये प्लान
शास्त्रीनगर में आफिस खोलकर युवाओं को दिया जा रहा था प्रशिक्षण

 
 
 

मेरठDec 29, 2019 / 05:52 pm

sanjay sharma

मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध की आड़ में 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद मेरठ मे बवाल करने का प्लान सुनियोजित तरीके से किया गया था। पुलिस (Police) को लगातार ऐसे सूत्र मिल रहे हैं, जिससे ये साफ हो रहा था कि शहर में बवाल करने की तैयारी गुपचुप तरीके से चल रही थी। एसएसपी अजय साहनी (SSP Ajay Sahni) ने बताया कि पुलिस लगातार इस मामले में छानबीन कर रही है, कुछ और तथ्य सामने आने की संभावना है।
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मेरठ के शास्त्रीनगर इलाके में पूरे जोन के युवाओं को एसडीपीआई (SDPI) और पीएफआई (PFI) से जोड़ने की मुहिम जोरों से चल रही थी। गत शुक्रवार को हुई हिंसा कोई एक दिन का नतीजा नहीं थी। इसके लिए पिछले छह महीने से गुपचुप तरीके से तैयारी चल रही थी। इसकी पुष्टि खुद एसएसपी अजय साहनी ने की है। शहर की पॉश कालोनी में यह सब हो रहा था और इसकी जानकारी न तो थाना पुलिस को हो सकी और न ही खुफिया विभाग समय रहते दंगे के खतरों को भांप सकी। वेस्ट यूपी में खासकर मेरठ और मुजफ्फरनगर में हिंसा फैलाने के पीछे एसडीपीआई और पीएफआई का हाथ है।
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एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि अभी पकड़े गए लोगों से पूछताछ चल रही है। उपद्रवियों को उकसाने के लिए दोनों संगठनों ने पर्चे छपवाकर सोशल साइट्स पर अपलोड किए। कुछ आटो और ई-रिक्शा के पीछे भी लगाकर प्रचार किया। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी हैं। जो केरल के रहने वाले हैं। उन्हीं ने हापुड़़ के मोती काली जी सिकंदर गेट निवासी नूर हसन पुत्र आमिर को प्रदेश सचिव बनाकर वेस्ट यूपी में मेरठ ऑफिस खोला। उसे ऑफिस का सचिव भी बनाया। नूर हसन ने अपने साथ हमीरपुर के फरसो लियाना राढ निवासी अब्दुल मुईद हाशमी पुत्र अब्दुल भुनिश हाशमी को अपने साथ लिया। उसके बाद दोनों ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष आबिद उर्फ परवेज से हाथ मिलाया। फिर मेरठ और मुजफ्फरनगर में हिंसा फैलाने का प्लान बनाया।
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एसएसपी ने बताया कि शास्त्रीनगर के ऑफिस से आपत्तिजनक दस्तावेज मिले है। कुछ पर्चे उक्त संगठनों ने सोशल साइट्स पर भी डाले थे। साथ ही शहर के आटो और ई-रिक्शा पर भी लगाकर लोगों को भड़काया गया। दोनों शहर के युवाओं को भ्रमित किया। इतना ही नहीं बाहर से बवाली बुलाने के बाद शहर के युवाओं को उनके साथ खड़ा कर हिंसा को जन्म दिया है। पुलिस नूर हसन को रिमांड पर अन्य जानकारी भी जुटाएगी। साथ ही कुछ अन्य युवकों के भी नाम सामने आए है, जिनकी धरपकड़ के लिए टीमें बनायी हैं।

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