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शाहिद मंजूर खेमे ने कानूनी और राजनैतिक रूप से पराग डेरी के प्रबंधनतंत्र को ऐसी पटकनी दी कि वे अब जमानत कराने के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। दरअसल गगोल स्थित पराग दुग्ध डेयरी के महाप्रबंधक ने जीएम सहित आधा दर्जन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। इससे पूर्व महाप्रबंधक ने अपने साथियों के साथ मिलकर पूर्व चेयरमैन के पति के चुनाव में हेराफेरी कर उसे चुनाव से बाहर कर दिया था। इससे दुग्ध संघ की राजनीति में भूचाल आ गया है।
ये था पूरा मामला
पराग दुग्ध समिति के पूर्व चेयरमैन के पति वेदप्रकाश उर्फ बेदी ग्राम कैलीरामपुर निवासी ने बताया कि समिति के सितम्बर 2017 में हुए चुनाव में अधिकारियों ने मिलकर दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति कैलीरामपुर के आगे नवीन लिखकर समिति को चुनाव से बाहर कर दिया था। जिससे वे चुनाव नहीं लड़ सके थे। इसकी शिकायत वेदप्रकाश ने डीएम से की। डीएम के आदेश पर एडीएम प्रशासन ने इस मामले की जांच की जो सही पायी गयी। बाद में वेदप्रकाश ने चुनाव आयोग से शिकायत की। इसके बाद 18 मई 2018 को समिति के चुनाव दोबारा कराए गए। जिसमें वेदप्रकाश विजयी रहे। वेदप्रकाश को सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर का समर्थन प्राप्त है।
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इन पर हुआ मुकदमा दर्ज
महाप्रबंधक-एससी वर्मा, क्षेत्रीय दुग्ध विकास अधिकारी-भीम प्रकाश, उप क्षेत्रीय दुग्ध विकास अधिकारी-विकास बालियान, पूर्व प्रभारी अतुल गुप्ता निवासी कैलीरामपुर, राणा प्रताप, पूर्व डायरेक्टर बलराज सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
उक्त मामले की शिकायत वेदप्रकाश ने मुख्यमंत्री से की, जिसकी जांच प्रमुख सचिव सहकारिता ने की और शिकायत को सही पाया गया। वेदप्रकाश ने उक्त सभी लोगों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में वाद दायर किया था। सीजेएम कोर्ट ने उक्त सभी छह लोगों को दोषी माना और आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
गांवों में दुग्ध सहकारी समिति की राजनीति सक्रिय है। वेदप्रकाश पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के करीबी है, लेकिन सपा सरकार के जाते ही भाजपा नेताओं ने बेदप्रकाश की घेराबंदी कर दी। मगर अधिकारी व नेता अब अपने ही दांव में खुद फंस गए है। उक्त अधिकारियों में एक अधिकारी मेरठ में तैनात है।
आने वाले दिनो में पराग चेयरमैन के पद के लिए तगड़ा मुकाबला होने के पूरे आसार हैं। सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने अपने मोहरे ऐसे फिट किए हैं कि सत्तारूढ भाजपा को अब दिन में तारे दिखने लगे हैं। पहले उपचुनाव में औधे मुंह गिरी भाजपा को डर सता रहा है कि कहीं दुग्ध संघ की राजनीति में भी उसे हार का सामना न करना पड़े। इस कारण चुनाव टलवाने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। लेकिन वहीं दूसरी ओर सपा खेमा भी कोर्ट से चुनाव करवाने के लिए आदेश लाने की तैयारी में जुट गया है।