संजय शर्मा, मेरठ. क्या आप यकीन कर सकते हैं कि फैक्ट्री में जिन वाहनों को बनाने में कई माह लग जाते हैं, उनका सिर्फ दस से 20 मिनट में एक-एक पुर्जा अलग हो सकता है आैर गुप्त गोदामों में खरीद के लिए रख दिया जाता है। चोरी का दुपहिया हो या चार पहिया कार, दोनों जब यहां कटने आते हैं, तो एक ही समय में 10 से 15 एक्सपर्ट मिस्त्री इन वाहनों पर टूट पड़ते हैं आैर दस से 20 मिनट में वाहनों को इस कदर खोलकर रख देते हैं कि पता ही नहीं चलता कि यहां कोर्इ वाहन भी आया था। दरअसल हम बात कर रहे हैं एशिया के सबसे बड़े चोरी के वाहनों के कटान बाजार की। इतना ही नहीं इस अवैध कारोबार पर यहां कोर्इ हाथ नहीं डालता, क्योंकि पुलिस के साथ ‘महीने’ की जबरदस्त सेटिंग जो होती है। इसलिए चोरी के वाहन कटने के लिए शहर का साेतीगंज क्षेत्र देश में ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में भी मशहूर है।