यह भी पढ़ें- बुजुर्ग बोला साहब मेरे दिये नहीं बिके, पुलिस ऑफिसर ने कहा दुखी क्यों होते हो सारे मैं खरीद लेता हूं कोरोना महामारी के कारण मुलाकात बंद होने की वजह से मेरठ जिला कारागार की ओर से बंदियों को त्योहार के पहले ही परिवार के लोगों से बात कराई गई। बंदियों ने स्वयं ही अपने परिवारजनों को बताया कि वे कोरोना संक्रमण के चलते परेशान न हों। उन्होंने कहा कि यदि सभी बंदियों की बहनें मिलने आएंगी तो इससे शारीरिक दूरी का नियमों का उल्लंघन होगा। वहीं वायरस फैलने की आशंका बनी रहेगी। जेल में उन्हें मिठाई, कपड़े आदि सामान भेजने के लिए भाईदूज से चार दिन पहले तक का वक्त दिया गया था। इसके बाद भी भाईदूज पर सुबह से ही यहां पहुंची बहनों के टीके ओर मिठाई को भाइयों तक पहुंचाया गया।
जेल में भाई को टीका करने पहुंची महिलाओं का कहना था कि भाई कुछ दिन पहले ही जेल में बंद हुआ है। हर साल उसे टीका करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। इसीलिए मैं नहीं चाहती थी कि इस साल उसका भाई बगैर टीका और मुंह मीठा किए रहे। उसे टीका करने की इच्छा से यहां आई, लेकिन मुलाकात न हो सकी।
जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि जेल में इन दिनों मिलाई पूरी तरह से बंद है, जो बहनें भाइयों को टीका करने आई थीं। उनको समझा दिया गया। बाहर फोन से उनसे बात करवाने की व्यवस्था की गई है। बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए ही यह व्यवस्था की गई है।