मेरठ

Bhai Dooj 2020: जेल में बंद भाइयों को तिलक करने पहुंची सैकड़ों बहनों के चेहरे पर छाई उदासी

Highlights
– जेल पहुंचीं बहनें बंदी भाईयों को कोरोना के कारण से नहीं कर सकीं भाई दूज का तिलक
– जेल के बाहर सुबह से ही लगी बहनों की कतार
– जेल प्रशासन ने मोबाइल से कराई बात, समझा-बुझाकर वापस भेजा

मेरठNov 16, 2020 / 10:24 am

lokesh verma

मेरठ. कोरोना संक्रमण के चलते जेल में बंदियों से मिलने पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। इसके बाद भी कई बहनें अपने आप को नहीं रोक सकीं और भाईदूज पर भाइयों से मुलाकात करने व उन्हें टीका करने के लिए मेरठ की चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के द्वार तक पहुंच गईं। यहां आकर बहनों को पता चला कि इस साल वह भाइयों से मुलाकात नहीं कर सकतीं। इस बात से निराश बहनें अपने भाइयों के माथें पर टीका लगाने और उनका मुंह मीठा कराने की गुहार लगाती रहीं। जेल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि यदि भाइयों को मिठाई और गोला पहुंचाना हैं तो उन्हें लिफाफे बंद कर के दें। लिफाफे पर भाइयों के नाम लिखें, जिन्हें भाइयों तक पहुंचा दिया गया। वहीं जेल परिसर तक पहुंची बहनें भाइयों से न मिल पाने के कारण निराश नजर आईं।
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कोरोना महामारी के कारण मुलाकात बंद होने की वजह से मेरठ जिला कारागार की ओर से बंदियों को त्योहार के पहले ही परिवार के लोगों से बात कराई गई। बंदियों ने स्वयं ही अपने परिवारजनों को बताया कि वे कोरोना संक्रमण के चलते परेशान न हों। उन्होंने कहा कि यदि सभी बंदियों की बहनें मिलने आएंगी तो इससे शारीरिक दूरी का नियमों का उल्लंघन होगा। वहीं वायरस फैलने की आशंका बनी रहेगी। जेल में उन्हें मिठाई, कपड़े आदि सामान भेजने के लिए भाईदूज से चार दिन पहले तक का वक्त दिया गया था। इसके बाद भी भाईदूज पर सुबह से ही यहां पहुंची बहनों के टीके ओर मिठाई को भाइयों तक पहुंचाया गया।
जेल में भाई को टीका करने पहुंची महिलाओं का कहना था कि भाई कुछ दिन पहले ही जेल में बंद हुआ है। हर साल उसे टीका करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। इसीलिए मैं नहीं चाहती थी कि इस साल उसका भाई बगैर टीका और मुंह मीठा किए रहे। उसे टीका करने की इच्छा से यहां आई, लेकिन मुलाकात न हो सकी।
जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि जेल में इन दिनों मिलाई पूरी तरह से बंद है, जो बहनें भाइयों को टीका करने आई थीं। उनको समझा दिया गया। बाहर फोन से उनसे बात करवाने की व्यवस्था की गई है। बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए ही यह व्यवस्था की गई है।
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