शिवपाल को इस झटके के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश से 24 घंटे के भीतर एक और बड़ा झटका उस वक्त लगा, जब राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय महासचिव ने उनकी पार्टी समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के वजूद को ही नकार दिया है। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मेराजुद्दीन ने कहा कि शिवपाल की पार्टी का अभी कोई वजूद नहीं है। शिवपाल के न तो पश्चिम में समर्थक हैं और न ही उन्हें कोई उम्मीदवार ही इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोर्चा का अभी कोई भविष्य ही नहीं है। अभी शिवपाल को बहुत मेहनत करनी होगी। इसके बाद कहीं जाकर वे मुलायम के बराबर खड़ा हो सकते हैं। शिवपाल की पार्टी से गठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि शिवपाल महागठबंधन में आना चाहते हैं तो आए। उनका महागठबंधन में स्वागत है। लेकिन वे अभी सीट की बात करने का कोई अधिकार नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की स्थिति में तो पश्चिम उप्र में शिवपाल को कोई सीट रालोद नहीं देगा। वे अपने क्षेत्र में या पूर्वी उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को जीत का भरोसा दिलाकर एक-दो सीट हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में अभी सेक्युलर मोर्चा का कोई वजूद नहीं है। लिहाजा, शिवपाल यादव पश्चिम में चुनाव लड़ने का सपना छोड़ दें। उन्हें कोई सीट इस क्षेत्र से नहीं मिलने वाली है।