यह भी पढ़ेंः योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आरक्षण को लेकर डा. अंबेडकर के लिए कही ये बड़ी बात, देखें वीडियो जिला प्रमुख दिनेश सिंघल के नेतृत्व में नगर निगम मेरठ, नगर आयुक्त के कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि मेरठ नगर निगम में सफाई कर्मचारियों का अत्याधिक शोषण हो रहा है। जिसका प्रभाव शहर की सफाई-व्यवस्था पर पड़ रहा है। नगर निगम क्षेत्र में 90 वार्ड हैं, लेकिन इन 90 वार्डों के लिए अभी तक भी स्थायी सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। इन वार्डों में ठेकेदारों के माध्यम से काम करवाया जा रहा है, जो कि यह दर्शाता है कि सफाई कर्मचारियों को अत्याधिक काम और कम वेतन में गुजारा करना पड़ रहा है। ठेकेदार सफाई कर्मचारियों का शोषण करते हैं अलग से। निगम ने सफाई कर्मचारियों को निरंकुश ठेकेदारों के अधीन छोड़ दिया है। इससे सफाई कर्मचारियों में आक्रोश है।
यह भी पढ़ेंः रामलला को एक और तारीख मिलने पर इस मुस्लिम महिला नेता ने कहा- यह कांग्रेसियों का षडयंत्र, कांग्रेस आैर जिन्ना को लेकर दिया बड़ा बयान, देखें वीडियो प्रदेश महासचिव व पश्चिम उप्र प्रभारी धर्मेन्द्र तोमर ने कहा कि शिवसेना यह मांग करती है कि नगर निगम में ठेकेदारी प्रथा तुरंत बंद हो। सफाई कर्मचारियों को समान कार्य-समान वेतन लागू किया जाए। अन्यथा फिर से शिवसेना सड़क पर उतरेगी और जन आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी निगम प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि नियमित सफाई कर्मचारी उसी काम के लिए अधिक वेतन पा रहे हैं तो ठेकेदारों द्वारा लगाए गए सफाई कर्मचारियों को कम वेतन क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों का यह आक्रोश कभी भी कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है।