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छात्रों ने बताया कि उन्हें यहां पानी तक नहीं मिला। उन्हें स्कूल में छोड़ने के लिए भी कोई तैयार नहीं था। दरअसल स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूल हैल्थ प्रोग्राम चल रहा है। इसके तहत चिकित्सक स्कूलों में पहुंच कर बच्चों की जांच करते हैं। अधिक बीमार बच्चों को वह सीएचसी पर लेकर पहुंचते हैं। उनकी जांच आदि कराने के बाद इलाज शुरु करते हैं। शनिवार को क्षेत्र के गांव बाम के प्राथमिक विद्यालय में चिकित्सकों ने 14 बच्चों को चिन्हित किया। इन बच्चों में से अधिकांश खुजली के मरीज थे। किसी के कान में खराबी थी तो कोई अन्य रोग से पीड़ित था। चिकित्सक उन्हें लेकर बड़ौत सीएचसी पहुंचे। सीएचसी में उनकी पर्ची बनवाकर संबंधित चिकित्सक ने उनकी जांच की। जांच के बाद उन्हें दवाईयां दी गईं।
छात्रों ने बताया कि उन्हें यहां पानी तक नहीं मिला। उन्हें स्कूल में छोड़ने के लिए भी कोई तैयार नहीं था। दरअसल स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूल हैल्थ प्रोग्राम चल रहा है। इसके तहत चिकित्सक स्कूलों में पहुंच कर बच्चों की जांच करते हैं। अधिक बीमार बच्चों को वह सीएचसी पर लेकर पहुंचते हैं। उनकी जांच आदि कराने के बाद इलाज शुरु करते हैं। शनिवार को क्षेत्र के गांव बाम के प्राथमिक विद्यालय में चिकित्सकों ने 14 बच्चों को चिन्हित किया। इन बच्चों में से अधिकांश खुजली के मरीज थे। किसी के कान में खराबी थी तो कोई अन्य रोग से पीड़ित था। चिकित्सक उन्हें लेकर बड़ौत सीएचसी पहुंचे। सीएचसी में उनकी पर्ची बनवाकर संबंधित चिकित्सक ने उनकी जांच की। जांच के बाद उन्हें दवाईयां दी गईं।
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उनके साथ आए शिक्षा मित्र आदेश त्यागी ने बताया कि वह बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए कहता रहे, लेकिन सीएचसी अधीक्षक ने उनकी एक बात नहीं सुनी। जब वह अधिक कहने लगे तो उसे अपने कार्यालय में बुलाकर धमकी दी कि उसे नौकरी से हटवा दिया जाएगा। इसके बाद शिक्षा मित्र ने हंगामा शुरु कर दिया। काफी देर तक हंगामा होता रहा। बच्चों ने बताया कि वह दो घंटे से स्कूल में जाने का इंतजार कर रहे हैं। जब हंगामा अधिक बढ़ गया तब उन्हें एक वैन से स्कूल में छोड़ने के लिए ले जाया गया। इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि 14 बच्चे थे। कम से कम एक बच्चे की जांच करने में पंद्रह मिनट लगती हैं। ऐसे में उन्हें यहां देर होना तो स्वाभाविक था। बच्चों को उनके स्कूल में छुड़वा दिया गया है।
उनके साथ आए शिक्षा मित्र आदेश त्यागी ने बताया कि वह बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए कहता रहे, लेकिन सीएचसी अधीक्षक ने उनकी एक बात नहीं सुनी। जब वह अधिक कहने लगे तो उसे अपने कार्यालय में बुलाकर धमकी दी कि उसे नौकरी से हटवा दिया जाएगा। इसके बाद शिक्षा मित्र ने हंगामा शुरु कर दिया। काफी देर तक हंगामा होता रहा। बच्चों ने बताया कि वह दो घंटे से स्कूल में जाने का इंतजार कर रहे हैं। जब हंगामा अधिक बढ़ गया तब उन्हें एक वैन से स्कूल में छोड़ने के लिए ले जाया गया। इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि 14 बच्चे थे। कम से कम एक बच्चे की जांच करने में पंद्रह मिनट लगती हैं। ऐसे में उन्हें यहां देर होना तो स्वाभाविक था। बच्चों को उनके स्कूल में छुड़वा दिया गया है।