यह भी पढ़ेंः वेस्ट यूपी में ‘मिशन बवाल’ में होनी थी दो जातियों के नेताआें की हत्या, दलितों की मदद के नाम पर हो रहे थे ये काम वीडियो देखने के लिए इसे क्लिक करें: भाजपा ने नवाज शरीफ से की चिदंबरम की तुलना भरणी नक्षत्र, शोभन योग और चतुष्पद करण बना रहा विशेष पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी ने बताया कि प्रथम शुद्ध ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष में आ रही है अमावस्या। अमावस्या का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि यह मंगलवार के दिन भरणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुष्पद करण तथा मेष राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है। इस साल ज्येष्ठ मास अधिकमास भी है।
यह भी पढ़ेंः पत्रिका अमृतं जलम्: ऐसे ही नदियों में बहता रहा प्रदूषण तो विलुप्त हो जाएगा पानी सुबह 10:57 से लग रहा योग उन्होंने बताया कि शनि जयंती वाले दिन मंगलवार को सुबह 10:57 बजे से सर्वार्थसिद्धि योग की शुरुआत होगी। इसका प्रभाव पूरे दिन रहेगा। इस दिव्य योग में शनिदेव की पूजा से जातक को विशिष्ट फल प्राप्त होगा।
वीडियो देखने के लिए इसे क्लिक करें: ग़ाज़ियाबाद में धूल भरी आंधी और बारिश शनि को प्रसन्न करने के लिए ये करें उपाय उन्होंने बताया कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए 15 मई को शनि के वैदिक तथा बीज मंत्र ‘ऊं खां खीं खूं सः मंदाय स्वाहाः’ की 21 माला का जाप करें। शनिस्तवराज, महाकाल शनिमृत्युंजय स्तोत्र का पाठ तथा मंदिर में शनिदेव का तेलाभिषेक पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
वीडियो देखने के लिए इसे क्लिक करें: देश का सबसे तेज गति वाला एक्सप्रेस-वे वाहनों के फर्राटा भरने के लिए हुआ तैयार शारीरिक पीड़ा वाले ये करेंगे, तो होगा लाभ जिन लोगों को शारीरिक पीड़ा और शारीरिक कष्ट है, वे शनि जयंती पर शनि वज्रपिंजर कवच के 11 पाठ करें और उसके बाद हर दिन एक पाठ नियमित करते जाएं। इससे समस्त प्रकार के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शनि जयंती को करें ये दान शनि के निमित्त इन वस्तुओं का दान करें शनि की शांति के लिए शनि जयंती के दिन काली उड़द, काले तिल, स्टील-लोहे के बर्तन, श्रीफल, काले वस्त्र, लकड़ी की वस्तुएं, औषधि आदि का दान करना चाहिए। गरीबों को भोजन कराने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ऐसे गरीब जो दवाई का खर्चा उठाने में असमर्थ हों उनके इलाज का इंतजाम करवाएं और उन्हें दवाई दिलवाएं, इससे शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं।
शनि जयंती पर इन बातों का रखें ध्यान शनि देव की पूजा करने के दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल मालिश कर स्नान करना चाहिये। शनि मंदिर के साथ-साथ हनुमान जी के दर्शन भी जरूर करने चाहिये। शनि जयंती या शनि पूजा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये। किसी जरूरतमंद गरीब व्यक्ति को तेल में बने खाद्य पदार्थों का सेवन करवाना चाहिये। गाय और कुत्तों को भी तेल में बने पदार्थ खिलाने चाहिये। जरुरतमंद की सेवा और सहायता भी करनी चाहिये। सूर्यदेव की पूजा इस दिन न ही करें तो अच्छा है। शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर को देखते समय उनकी आंखो में नहीं देखना चाहिये। कैसी भी कड़ी साढ़ेसाती हो या ढैया, इस उपाय से उसकी पीड़ा भी दूर हो जाती है।