कोर्ट ने किया करप्शन की धारा को विलोप न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (कोर्ट संख्या-2) मेरठ ने करप्शन की धारा को विलोप किया है। धारा 409 व 411 IPC, रुपये रिकवरी और बरामदगी के मामले में फाइल गाज़ियाबाद न्यायालय ट्रांसफर की है। जिसमें सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तारीख लगी है। इस मामले में मुकदमे के वादी ही CO राकेश मिश्रा, मुकदमे के विवेचक CO आतिश कुमार की गवाही व अन्य लोगों की गवाही होना अभी भी शेष है। सभी आरोपियों के ऊपर धारा 409 और 411 का मुकदमा गाजियाबाद न्यायालय में चलेगा। करप्शन की धारा 7/13 विलोप होने के बाद क्षेत्राधिकार गाजियाबाद न्यायालय का बनता है, FIR गाजियाबाद जनपद दर्ज हुई थी।
क्या था मामला एडीजीसी क्रिमिनल महेंद्र सिंह ने बताया कि वादी राजीव सचान ने केस दर्ज कराया था कि लिंक रोड थाने में इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान ने एसएचओ रहते हुए उनसे बरामदगी की रकम से 70 लाख रुपये गायब कर दिए हैं। सीओ राकेश कुमार ने मामले की जांच के लिए महाराजपुर चौकी की CCTV फुटेज चेक की तो लिंक रोड़ थाना पुलिस बेनकाब हो गई। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि आरोपियों के पास से रुपयों से भरे दो बैग बरामद किए गए। जिनमें से एक बैग को पुलिसकर्मियों ने एक अलग प्राइवेट गाड़ी में रख दिया। ये प्राइवेट गाड़ी लक्ष्मी सिंह चौहान की थी।
इंस्पेक्टर समेत 7 लोगों पर लगे थे आरोप इस पूरे मामले में एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान के अलावा, सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज, धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार और सचिन कुमार के शामिल होने का अरोप था। सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने इन सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और इनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान व एक सिपाही ने मेरठ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। आरोपी इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
कोर्ट के आदेश का लक्ष्मी ने किया स्वागत न्यायालय में आरोपी पक्ष की ओर से दलील दी कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। जबकि वादी के वकील ने कड़ा विरोध किया। न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप को विलोप कर दिया। इस बारे में जब इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान करतीं हैं। वे कुछ नहीं कहना चाहती।