डा0 राहुल भार्गव बताते हैं कि विटामिन.डी के लिए सूर्य प्रकाश को प्रमुख स्रोत माना गया है। हालांकि जिस तरह से लोगों में सेंडेंटरी लाइफस्टाइल की समस्या तेजी से बढ़ी है और लोगों का सूर्य से संपर्क कम हो रहा है ऐसे में अधिकांश लोग विटामिन.डी की कमी का शिकार हो रहे है। विटामिन की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली और हड्डियों में कमजोरी के साथ मस्तिष्क संबंधित समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है। अध्ययन में पाया है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है। विटामिन.डी उनमें एक है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाने के साथ ही कार्य करने की क्षमता को बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में जिन लोगों में विटामिन-डी कम होता है। उनमें न्यूरोलॉजिकल रोगों और न्यूरोसाइकोलॉजिकल विकारों के खतरे होते हैं। ऐसे लोगों के मस्तिष्क का कामकाज प्रभावित हो जाता है।
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