यह भी पढ़ेंः VIDEO: हिन्दू संगठन ने सीएम योगी से मेरठ में साजिश रचने वालों के खिलाफ ये कार्रवाई करने की मांग की सावन मास में व्रत का महत्व श्रावण मास में व्रत रखना विशेष फलदायी माना जाता है। इस महीने सोमवार के दिन जो व्रत रख जाता है, उसे सावन सोमवार व्रत कहते हैं। शिवभक्त सावन के 16 सोमवार के व्रत यदि सावन में शुरू करें तो बहुत शुभ माना जाता है। एेसी मान्यता है कि श्रावस मास भगवान शिव को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है। श्रावण मास में बेल पत्र से शिव की पूजा और जल चढ़ाना बहुत फलदायी होता है। इसका जिक्र शिव पुराण में भी है। शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति सावन महीने में सोमवार का व्रत करता है भगवान शिव उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
यह भी पढ़ेंः वेस्ट यूपी, दिल्ली-एनसीआर में इस दिन होगी मानसून की पहली बारिश, देखें वीडियो सावन सोमवार व्रत आैर पूजा विधि सावन मास 2019 का पहला सोमवार 22 जुलार्इ को है। अन्य तीन सोमवार 29 जुलार्इ, 5 अगस्त व 12 अगस्त को पड़ेंगे। शिवभक्तों के लिए इस महीने चार सोमवार होने से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा समय है। सावन सोमवार को सुबह शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करें। घर के मंदिर को साफ करके भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें आैर सच्चे मन से भगवान शिव के व्रत का संकल्प लें। सुबह व शाम को दो बार तिल के तेल का दीपक जलाएं आैर प्रार्थना करें। मंत्र ‘आेम् नमः शिवाय’ का जप करें। शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध अर्पित करें। मंत्रोच्चारण के साथ शिव को सुपारी, पंचामृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं। शाम के समय घर में सावन व्रत कथा का पाठ व पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद वितरित करें आैर फिर व्रत पूरा करें। पंडित महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि एेसा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होता है। अविवाहित महिलाएं अच्छे वर के लिए यह व्रत जरूर करें। साथ ही विवाहित महिलाआें को भी अपना जीवन सुखमय बनाने के लिए सावन सोमवार व्रत करने चाहिए।