पैतृक आवास पर हुआ निधन पूर्व कैबिनेट मंत्री व राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नेता कोकब हमीद का निधन बुधवार शाम को करीब 7 बजे उनके पैतृक निवास पर हुआ। वह पिछले पांच साल से बीमार चल रहे थे। बुधवार को रालोद अध्यक्ष अजित सिंह भी उनसे मिलने पहुंचे थे।
राजनीतिक सफर कोकब हमीद पहली बार 1985 में बागपत सीट से विधायक बने थे। उन्होंने पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। 1985 में चुनाव प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे। उस दौरान कोकब हमीद ने 52000 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद नारायण दत्त तिवारी सरकार में उन्हें उन्हें उर्जा व नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री बनाया गया था। अगले चुनाव 1989 में वह हार गए थे। फिर उन्होंने 1991 का चुनाव नहीं लड़ा। 1993 में वह कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। उसके बाद उन्हें कांग्रेस विधानमंडल दल का उपनेता बनाया गया था। इसके बाद 1996 में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और अजित सिंह की किसान कामगार पार्टी में चले गए। 1996 में चुनाव जीतकर वह लोक दल विधानमंडल दल के नेता बने।
प्रदेश मंत्रिमंडल में मिली जगह फिर 2002 और 2007 में वह रालाेद के टिकट पर चुनाव जीते थे। उस दौरान उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल में जगह दी गई। 2012 में सपा की लहर में वह चुनाव हार गए थे। मायावती सरकार में उन्हें ग्रामीण अभियंत्रण एवं पर्यटन मंत्री बनाया गया था। 2012 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने रालोद से किनारा कर लिया था। करीब एक साल पूर्व उन्होंने फिर रालोद का मंच साझा कर लिया था।