यह भी पढ़ेंः माॅब लिंचिंग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज, एक दर्जन घायल, तनाव कड़ी चौकसी के लिए निर्णय सोमवार की शाम तक इंटरनेट पर रोक लगने से व्हाट्स ऐप, ट्विटर एवं फेसबुक प्रेमी परेशान रहे। बाहरी जिलों से आने वाले यात्रियों को उस समय परेशानी का सामना करना पड़ा जब वे मेरठ की सीमा में प्रवेश करते ही उनके मोबाइल पर इंटरनेट सेवा बंद का मैसेज आया। यात्रियों को इसके बारे में पता नहीं था कि मेरठ में अस्थायी तौर पर इंटरनेट सेवा बंद की गई है। हालांकि प्रशासन का तर्क है कि यह पाबंदी संदेशों के आदान-प्रदान से महानगर का माहौल खराब होने से बचाने के लिए उठाया गया है। सांप्रदायिक घटना को रोकने के उद्देश्य से ही हरकत में आए जिला प्रशासन एवं पुलिस ने महानगर की चौकसी कड़ी कर दी। डीएम अनिल ढींगरा ने सोमवार को जिले में धारा 144 के अंतर्गत शांति व्यवस्था एवं सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी मोबाइल कंपनियों द्वारा इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश दिए। इस अवधि में इंटरनेट से सभी लूप लाइन एवं लीज लाइन भी निष्क्रिय रही।
यह भी पढ़ेंः VIDEO: जातीय संघर्ष में पड़ोसी ने महिला की आंख फोड़ी, बेटे पर भी हमला लाखों का करोबार प्रभावित हुआ इंटरनेट सेवा बंद होने से लाखों का कारोबार भी प्रभावित हुआ। संयुक्त व्यापार संघ के महामंत्री विपुल सिंघल का कहना है कि इंटरनेट सेवा प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से बंद की, लेकिन इसके बारे में पहले अवगत कराना चाहिए था। आजकल व्यापार भी इंटरनेट पर ही होने लगा है। सोमवार को इंटरनेट सेवा बंद होने से व्यापारियों को खासी परेशान का सामना करना पड़ा। व्यापारियों को इससे लाखों का फटका लगा है। वहीं इंटरनेट सेवा बंद होने से जोमेटो और अन्य कंपनियों के आनलाइन आर्डर पर भी इसका असर देखने को मिला। फार्मा कंपनी में जॉब करने वाले शुभम ने बताया कि उनको नेट सेवा बंद होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।