यह भी पढ़ेंः यूपी के इस जनपद में बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों को लेकर एसएसपी ने कहा- अब इनकी खैर नहीं सभी धर्मों को लेकर हों कार्यक्रम हफीज सूफी मोहम्मद निसार ने कहा कि उन्होंने ऐसे कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जिनमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के लोगों ने भाग लिया। सभी ने अपने-अपने मजहब के उन पहलुओं को बयान किया, जिसमें लोगों की भलाई और उनमें आपस में भाईचारा पैदा करने की बात होती है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कुछ कड़वाहट पैदा हो जाती है, इसे दूर करने के लिए ऐसे कार्यक्रम बड़ा रोल अदा कर सकते हैं। कभी-कभी अपने धार्मिक कार्यक्रम में एक-दो विद्धानों को बुलाना काफी नहीं है। यह काम को एक मुहिम बनाकर करना चाहिए। इस तरह के कार्यक्रम में हर धर्म का धर्मगुरू वह बातें बतलाता है जो तमाम इंसानों से मोहब्बत और उनसे हमदर्दी वाली हैं। इस तरह हमें खुद अपने धर्म के बारे में सही तरीके से जानने का मौका मिलता हैं। हम अगर अपने धर्म के सभी वर्गों के लिए भी ऐसे कार्यक्रम करें तो उनको भी धर्म के बारे में बहुत सी अच्छी बातों की जानकारी होगी।
यह भी पढ़ेंः इस नगर निगम की बोर्ड बैठक में हुआ पथराव, महिला पार्षदों ने नगरायुक्त पर फेंकी चूड़ियां बुनियादी जरूरतें हैं एक जैसी इस दौरान उन्होंने कहा कि हर धर्म के इंसान की अपनी तमाम बुनियादी जरूरतें एक जैसी है। सब आपस में मोहब्बत पसंद करते हैं। नफरत की बातें इंसानी फितरत के खिलाफ है और वह किसी वजह से उभर जाती हैं तो उनको शांत करना चाहिए। यह हम सबकी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि दिलों को जीतने के लिए हमें कुछ सरगर्मी तो दिखानी ही होगी। मंगलवार को चादरपोशी के बाद उर्स कार्यक्रम समाप्त हो गया।