मेरठ

धर्मगुरूओं ने कहा- भगवद् गीता स्कूल और कालेजों के पाठयक्रम में शामिल हो

Highlights

सीसीएस विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में कार्यक्रम आयोजित
देश के विभिन्न हिस्सों से आए मनीषियों ने लिया भाग
बच्चों को शिक्षा के साथ गीता ज्ञान को बताया जरूरी

 

मेरठDec 30, 2019 / 11:32 am

sanjay sharma

मेरठ। गीता ज्ञान महोत्सव (Geeta Gyan Mahotsav) के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आए धर्मगुरुओं ने श्रीमद् भगवद् गीता (Bhagavad Gita) को स्कूलों के पाठयक्रम में शामिल करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। उनका कहना है कि गीता (Geeta) ही वह ग्रंथ है जो हिंदू समाज को सही दिशा देता है। वर्तमान परिस्थिति ऐसी बन चुकी है कि जब बच्चों को शिक्षा के साथ गीता ज्ञान जरूरी हो गया है।
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चौधरी चरण सिंह विवि (CCSU) के बृहस्पति सभागार में सांस्कृतिक गौरव संस्थान के तत्वावधान में डॉ. ईश्वर सिंह की पत्नी शकुंतला सिंह की स्मृति में ‘गीता ज्ञान महोत्सव’ का आयोजन हुआ। मुंबई से आयी महामंडलेश्वर शिवानी दुर्गा ने कहा कि जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन में भगवद् गीता को पढ़ाया जाता है। हमारे देश में भी इसे स्कूल के पाठ्यक्रम में पहली कक्षा से शामिल करना चाहिए। धर्म को शिक्षा से जोड़ देंगे तभी बच्चों को देश की संस्कृति पता चलेगी। उन्होंने महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार पर भी चिंता व्यक्त की।
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महामंडलेश्वर नीलिमानंद ने कहा बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के साथ उनके हाथ में गीता भी दो। संस्थान के महामंत्री दिनेश चंद्र त्यागी ने भी गीता ज्ञान को स्कूलों में पढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने हिंदुओं की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की। अयोध्या से आए जगद्गुरू परमहंसाचार्य महाराज ने कहा कि वर्तमान में गीता की हो रही गलत व्याख्या पर भी ध्यान देने की जरूरत है। गीता हमें धर्म के लिए लड़ना सिखाती है।
महोत्सव में डॉ. नीरज सिंघल, डॉ. जितेंद्र तोमर, डॉ. तरुण पाल, डॉ. विनय कुमार, डॉ. ज्ञानेंद्र, डॉ. ब्रजेंद्र, सुशील त्यागी, सुमित शर्मा, गढ़वाल समाज के लोग मौजूद रहें। पूर्व सांसद यशवीर धोबी ने अतिथियों को प्रतीक चिह्न् देकर सम्मानित किया। इस दौरान गीता के प्रचार-प्रसार की शपथ ली गई। अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने हमें जो सिखाना चाहा, यदि हमने उसे सीख लिया होता तो न आज सीएए की जरूरत होती न एनआरसी की और न जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत होती। कहा जिसके जीवन में गीता है, वह हिंदू धर्म के लिए हमेशा खड़ा रहेगा।

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