मुस्लिमों को शिक्षा देने पर इस समय जोर दिया जा रहा है। इसी तरह से पसमांदा मुसलमानों की शिक्षा के लिए सरकारी मुहिम चलाई जा रही है। मुस्लिमों को शिक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है। पसमांदा मुसलमानों के प्रति अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का नजरिया भी बदल रहा है। हालांकि बोर्ड का दावा है कि यह सभी मुसलमानों (अशरफ और पसमांदा दोनों का गठन) की प्रतिनिधि सभा है और इस्लामी शरिया कानून के अनुसार उनके व्यक्तिगत और सामाजिक मूल्यों की देखभाल करता है। इस बारे में मुस्लिम धर्मगुरुओं का नजरिया अलग है।
मेरठ•Jun 19, 2022 / 08:47 am•
Kamta Tripathi
शिक्षा के बिना पसमांदा मुसलमानों का मुख्य धारा में आना मुश्किल, धर्मगुरुओं ने उठाई आवाज
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