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दरअसल, बेटे गुलहसन की मौत से सदमें में आज तक उनके पिता अखतर उभर नहीं पाये हैं। जुबा पर केवल एक ही सवाल है कि कोई कह दे कि उसके बेटे ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या की गई है और हत्यारे को सजा मिल जाये। लेकिन उसका कहना है कि पुलिस ने तो उसको आत्महत्या बताकर मामले को ही रफा दफा कर दिया। जिससे दुखी होकर अख्तर ने पुलिस जांच पर सवाल खड़े कर दिये और दुबारा जांच की मांग की है। यह भी पढ़ें
पांच राज्यों में चुनाव ऐलान के साथ किसानों की इस चेतावनी से फूले भाजपाइयों के हाथपैर वहीं उसका कहना है कि जब उसकी किसी ने नहीं सुनी तो उसने धर्म परिवर्तन का सहारा लेकर मोदी सरकार पर न्याय की उम्मीद जताई है। इंसाफ की मांग को लेकर ही उसने और अन्य 12 लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है और चार दिन बाद भी बेटे की मौत के कारण की वजह जानने का प्रयास कर रहे हैं। यह भी पढ़ें
भाजपा नेता की बेटी का कोचिंग से लौटते समय अपहरण, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स वहीं पीड़ितों का कहना है कि पुलिस मामले में जांच की बात कर रही है लेकिन अभी तक किसी ने न्याय का भरोसा तक नहीं दिलाया है। अख्तर खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। वहीं बागपत कोतवाली दिनेश कुमार का कहना है कि जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा। यह भी पढ़ें
यूपी के इस गांव में 30 फ़ीसदी आबादी के बुखार की चपेट में आने पर ग्राणीणों में दहशत बता दें कि अख्तर अली के बेटे गुलहसन की निवाडा गांव में मौत हो गई थी। जिसका शव खुंटी पर लटका मिला था। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराया था। जिसमें उसको आत्महत्या दर्शाकर मामले को बंद कर दिया गया था लेकिन परिजन इसको हत्या बताकर जांच की मांग कर रहे है।