यह भी पढ़ेंः विधायक की बेटी से लूट लिया पर्स तो सपाइयों ने किया जमकर हंगामा, देखें वीडियो इस बारे में ‘पत्रिका’ ने 21 सेंचुरी इंजीकान के एमडी नवीन प्रधान से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इन दिनों प्रदूषण की वास्तविक स्थिति कई गुना घातक है। विभाग द्वारा लगाई मशीनों में भी छेड़छाड़ कर प्रदूषण के स्तर को कम करके बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण विभाग इन मशीनों पर गीला कपड़ा लगा देता है। जिससे मशीन में पीएम का स्तर कम आए। लेकिन इसके बाद भी मशीन में पीएम का स्तर 400 से अधिक आ रहा है। जो कि काफी भयावह स्थिति को बयां करता है। उन्होंने बताया कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स में कई सौ गुना अधिक तक पहुंच चुका है।
यह भी पढ़ेंः कई लोग सड़क पर तोड़ रहे थे नियम, एसपी ट्रैफिक ने इनका चालान नहीं काटा, पहना दी माला, देखें वीडियो प्रदूषण स्तर इस स्थिति में पहुंच चुका है कि प्रदूषण विभाग की मशीनें भी उसको मापने में सक्षम नहीं रही। नवीन प्रधान ने बताया कि प्रदूषण विभाग ने जो मशीनें लगाई हैं वे सिर्फ तीन डिजिट तक यानी 999 तक ही प्रदूषण की माप में सक्षम हैं। यदि इससे अधिक प्रदूषण होता है तो मशीन काम करना बंद कर देती है। मशीन मात्र 999 की संख्या तक ही काम करती है। वहीं इस बारे में जब प्रदूषण इंजीनियर ब्रिजेश मालवीय से बात की तो उन्होंने इन बातों को मानने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि मशीनों की रीडिंग के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होती है।