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राष्ट्रोदयः करीब चार लाख स्वयं सेवकों के लिए खाने के सात लाख पैकेट! ‘राष्ट्रोदय’ का अर्थ बताया आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मेरठ में ‘राष्ट्रोदय’ कार्यक्रम का अर्थ भी बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के उदय होते रहते हैं। सभी देश अपनी-अपनी खूबियों से अस्तित्व में आए हैं। हमारा राष्ट्र अमर है। दुनिया में कहीं सम्प्रदाय एक है, लेकिन वह फिर भी एक नहीं है। हिन्दू एक हैं। गर्व से कहो हम हिन्दू हैंं। हिन्दुआें को एक होना है, यह हमारा धर्म है। हमें इसके लिए तैयार होना पड़ेगा। हम जात-पात में बंटकर भूल गए आैर हम लड़ार्इ करते रहते हैं। कोर्इ भी किसी देवी-देवता को माने। उसकी जात कुछ भी हो सकती है, लेकिन वह हिन्दू है आैर हमारा भार्इ है। उन्होंने कहा कि दुनिया अच्छी बातों को तभी मानती है, जिसके पीछे
शक्ति हो, डंडा हो।