यह भी पढ़ेंः जिला आपूर्ति का निरीक्षक अपने सहायक के साथ 20 हजार की घूस लेते पकड़ा आरआरटीएस के कार्यों की समीक्षा आयुक्त सभागार में आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरआरटीएस भारत में अपनी तरह की पहली क्षेत्रीय रेल सेवा लेकर आ रहा है, जो कि दिल्ली से मेरठ तक होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2018-19 में 250 करोड़ रुपये व केन्द्र सरकार ने 659 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
यह भी पढ़ेंः यहां कड़ी सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार, तनाव अब भी बरकरार अधिग्रहण कार्य पूरा करें कमिश्नर ने अधिकारियों को आरआरटीएस के लिए जहां भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है, उस कार्य को शीघ्र पूर्ण करने, स्टेशन के आस-पास पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने व समय सीमा के अन्दर कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया। आरआरटीएस की डीपीआर डीएमआरसी द्वारा बनायी गयी, जिसको मई 2017 में प्रदेश सरकार ने स्वीकृत किया व वर्तमान में यह केन्द्र सरकार में जमा की जा चुकी है तथा पीआईबी स्टेज में है।
प्रथम फेस में होगे छह कोच एनसीआरटीसी के ग्रुप के महाप्रबंधक प्लानिंग सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि आरआरटीएस के प्रथम फेस में छह कोच लगाए जाएंगे तथा बाद में इसकी संख्या 12 कर दी जाएगी। इससे दो हजार से ज्यादा लोग एक साथ सफर कर सकेंगे। आरआरटीएस के लिए ऐसियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से 60 प्रतिशत ऋण, 20 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा व शेष 20 प्रतिशत उत्तर प्रदेश व दिल्ली सरकार द्वारा दिया जाएगा। इस अवसर पर विधायक हस्तिनापुर दिनेश खटीक, शहर विधायक रफीक अंसारी, अपर आयुक्त जयशंकर दूबे, सीडीआे आर्यका अखौरी, एमडीए सचिव राज कुमार, जीडीए के मुख्य अभियंता वीएन सिंह, मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार वर्मा, एनसीआरटीसी के सीपीएम आरके हुस्तु, नेशनल हाई डिवीजन गाजियाबाद के एई आरएस आर्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।