यह भी पढ़ेंः इन जनपदों में मिलने जा रही है खास छूट, कहीं इसमें आप तो शामिल नहीं यह भी पढ़ेंः यूपी के इस शहर में रमजान को लेकर रहेगी कड़ी सुरक्षा, बनाया गया पूरा प्लान ऐसे रखे अपनी सेहत का ध्यान डा. राजीव गुप्ता के अनुसार रमजान के महीने में इफ्तार के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें। दिनभर के रोजे के बाद शरीर में पानी की काफी कमी हो जाती है। पुरूषों को कम से कम 2.5 लीटर और महिलाओं को कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
इफ्तारी में ये लें इफ्तार की शुरुआत हल्के खाने से करें। खजूर से इफ्तार करना बेहतर माना गया है। इफ्तार में पानी, सलाद, फल, जूस और सूप ज्यादा खाएं और पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी।
यह भी पढ़ेंः कैराना और नूरपुर उपचुनाव को लेकर इन्होंने दी बड़ी चेतावनी, जानिए पूरा मामला यह भी पढ़ेंः व्यापारियों ने अब मोदी आैर योगी सरकार से कर दी यह अनोखी मांग सहरी में करें प्रयोग सहरी में ज्यादा तला, मसालेदार, मीठा खाना न खाएं, क्योंकि ऐसे खाने से प्यास ज्यादा लगती है। सहरी में ओटमील, दूध, ब्रेड और फल सेहत के लिए बेहतर होता है। काजी जैनुस्साजिद्दीन के अनुसार रमजान के महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। खुदा को राजी करना चाहिए, क्योंकि इस महीने में हर नेक काम का सवाब बढ़ा दिया जाता है। रमजान में ज्यादा से ज्यादा कुरआन की तिलावत, नमाज की पाबंदी, जकात, सदका और खुदा का जिक्र करके इबादत करें। रोजेदारों को इफ्तार कराना बहुत ही सवाब का काम माना गया है। अगर कोई शख्स सहरी के वक्त रोजे की नियत करे और सो जाए, फिर नींद मगरिब के बाद खुले तो उसका रोजा माना जाएगा, ये रोजा सही है। रमजान के महीने को तीन अशरों में बांटा गया है। पहले 10 दिन को पहला अशरा कहते हैं जो रहमत का है। दूसरा अशरा अगले 10 दिन को कहते हैं जो मगफिरत का है और तीसरा अशरा आखिरी 10 दिन को कहा जाता है जो कि जहन्नम से आजादी का है।
एेसे भी टूटता है रोजा अगर कोई बीमार शख्स रमजान के महीने में जोहर से पहले ठीक हो जाता है और तब तक उसने कोई ऐसा काम नहीं किया हो जिससे रोजा टूटता हो, तो नियत करके उसका उस दिन का रोजा रखना जरूरी है। अगर रोजेदार दांत में फंसा हुआ खाना जानबूझकर निगल जाता है तो उसका रोजा टूट जाता है। रमजान के महीने में इंसान बुरी लतों से दूर रहता है। सिगरेट की लत छोड़ने के लिए रमजान का महीना बहुत अच्छा है। रोजा रखकर सिगरेट या तंबाकू खाने से रोजा टूट जाता है। रमजान के महीने में नेकियों का सवाब 10 से 700 गुणा तक बढ़ा दिया जाता है।