गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने रेबीज की पुष्टि कर बीमारी को लाईलाज बताते हुए मरीज को मेरठ के लिए रेफर स्लिप दी थी। जानकारी के मुताबिक कालू को करीब छह माह पहले अवारा कुत्तों ने काट लिया था। उसे रैबीज के इंजेक्शन भी लगवाए गए थे, लेकिन इधर करीब 15 दिन से वह अजीब हरकतें करने लगा था। जिसके बाद उसे फिर से अस्पताल ले जाया गया था। जहां कॉक्टरों ने उसमें रैबीज की पुष्टि करते हुए मेरठ रेफर कर दिया था।
यह भी पढ़ेंः मेरठ के मनु जैन रातों-रात बने 320 करोड़ के मालिक, जानिए कैसे मिली इतनी बड़ी रकम
नफीस पीर के 24 वर्षीय पुत्र कालू को बुखार हो जाने पर शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने मरीज कालू को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इस बीच कालू की तबियत बिगड़ती गयी। कालू बार-बार पानी मांग रहा था तथा पानी को देखकर कांप उठता था। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने कालू को रेबीज की बीमारी बताते हुए उसे मेरठ अस्पताल अथवा घर ले जाने की सलाह दी थी। कालू तभी से मेरठ जाने की जिद कर रहा था। वह कई बार घर वालों की पकड़ से गायब हुआ और मेरठ की बस में बैठ गया। लेकिन, उसको पकड़कर परिजन घर ले गए। परिजनों के मुताबिक वह रात में भी मेरठ जाने की रट लगाए रहा। शनिवार की सुबह परिजनों की आंख लगी तो कालू घर से लापता हो गया। रेबीज के मरीज कालू के घर से लापता हो जाने से जहां गांव में हड़कम्प मचा हुआ है। वहीं, परिजन कालू की तलाश में जुटे हैं तथा कालू की गुमशुदगी की तहरीर थाना मंडी में दी गयी है। वहीं, परिजनों ने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग मुजफ्फरनगर को दी तो विभाग ने भी उसकी धरपकड़ के निर्देश दिए हैं। विभाग के अनुसार रेबीज का मरीज घर से भाग जाए तो वह समाज के लिए खतरनाक हो जाता हैै। उसके मेरठ आने की संभावना को देखते हुए मेरठ में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। उसको पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई है।
रेबीज पीड़ित कालू के माता-पिता जीवित नहीं है। कालू के परिवार में एक छोटी बहन व एक बहन की शादी हो चुकी है। कालू की लाइलाज बीमारी व गायब हो जाने से बहनों व रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है।