मेरठ। कहीं दामाद मांग रहा ससुर की सम्पति में पत्नी का हिस्सा तो कहीं लॉकडाउन में वापस लौटकर आया प्रवासी भाई पैत्रिक मकान में जता रहा अपना हक। कुछ ऐसी कहानी अब उन श्रमिकों के घरों की हो गई है जो कि लॉकडाउन में अपने घरों में पहुंचे हैं। हालात ये हैं कि थाना पुलिस के पास आए दिन एक—दो मामले इस तरह से पहुंच रहे हैं। लॉकडाउन में लौट रहे ज्यादातर कामगारों की परेशानी घर पहुंचने के बाद कम होने के बजाय बढ़ रही है। लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए इन कामगारों के सामने अब दो जून की रोटी का इंतजाम करना भी कठिन हो रहा है। शहर में जो कमाया था, वह घर पहुंचने और खाने-पीने में खर्च हो गया। बाहर से परिवार में लौटने के बाद संपत्ति के बंटवारे को लेकर भी विवाद होने लगे हैं। पुलिस के मुताबिक, मेरठ जोन के आठ जनपदों में पारिवारिक विवाद के अब तक 30 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें मेरठ रेंज के 21 और सहारनपुर रेंज के 9 मामले शामिल हैं।
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पुलिस ने कराया दोनों भाइयों के बीच समझौता :— थाना लिसाड़ी गेट की शाहजहां कालोनी में रहने वाले दो भाई आस मोहम्मद और इंतजार नागपुर में काम करते हैं। दोनों भाइयों के पास पैतृक संपत्ति के रूप में एक ही मकान है। लॉकडाउन की वजह से काम बंद होने पर इंतजार घर लौट गए लेकिन आस नागपुर में ही फंसे हैं। इधर मेरठ में नूरजहां का इंतजार के साथ मकान में रहने को लेकर विवाद हो गया। मामले में पुलिस ने दोनों के बीच समझौता कराया। ससुराल में रहने आए दामाद ने मांगा पत्नी का हिस्सा तो हो गई ठुकाई :— इसी तरह प्रेमचंद का दामाद मध्य प्रदेश में काम करता था। लॉकडाउन के कारण नौकरी चली गई। इसके बाद राजकुमार अपनी ससुराल आ गए। ससुराल में राजकुमार ने संपत्ति में हिस्सा मांगा तो पत्नी के भाइयों ने उनकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस के मुताबिक, एनसीआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। एडीजी मेरठ जोन राजीव सभरवाल ने बताया कि लॉकडाउन के समय आने-जाने वाले कामगारों की लिस्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संपत्ति विवाद को लेकर अगर किसी ने कानून अपने हाथ में लिया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घर तो लौट आए लेकिन खड़ा हो गया रोजी रोजी का संकट :दरअसल, कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार फैक्ट्री और अन्य कामकाज बंद होने से अपने घर लौट आए हैं। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसके साथ ही परिवार के पुराने विवाद भी सामने आने शुरू हो गए हैं। अब उनके सामने भविष्य की भी चिंता सता रही है। दो महीने से ज्यादा हो गए, जमापूंजी खत्म हो गई। कोई उधार देने को भी तैयार नहीं है क्योंकि सामने वाले की स्थिति भी कमोबेश यही है। पराए शहर में उठाई भारी परेशानियां अब वहां वापस लौटने से कदम रोक रहीं हैं और अपने शहर में काम नहीं मिल रहा है। संपत्ति विवाद की वजह से अपनों के बीच भी वे कांटे की तरह चुभ रहे हैं।
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आईआईए प्रदान करेगा रोजगार के नए अवसर :— इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) मेरठ के अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल का कहना है कि आईआईए गांव में रोजगार के नए अवसर प्रारंभ करने जा रहा है। गांव में जैविक उत्पादों, फूड एंड बेवरेज, हस्तशिल्प, हथकरघा सहित अन्य जो भी काम, उद्योग शुरू हो सकते हैं, उन्हें शुरू कराया जाएगा। इनसे गांव के व्यक्ति को ही जोड़ा जाएगा। जिससे पलायन होकर आए मजदूरों को अपने गांव में ही काम मिल जाए। पुलिस तत्परता से करती है मामले में कार्रवाई :— इस मामले में एसएसपी मेरठ अनिल साहनी का कहना है कि सभी थानों को निर्देशित किया है कि अगर प्रवासी श्रमिकों को कहीं कोइ परेशानी आए तो उनकी समस्या का समाधान तत्परता से करें। संपति संबंधी विवादों को थाने स्तर पर ही प्राथमिकता के अधार पर निपटाने के आदेश दिए गए हैं।