यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र के तीन जमाती मिले कोरोना पॉजिटिव, मेरठ में कुल मरीजों की संख्या हुई 50 बता दें कि इन दिनों सभी रेस्टोरेंट और होटल आदि बंद होने से सब्जियों की खपत बहुत कम हो गई है। उत्पादन अधिक और खपत कम होने के कारण लोगों को सब्जियां मुफीद दामों पर मिल रही थी, लेकिन मेरठ से अब सब्जी उत्तराखंड सप्लाई होने के कारण सब्जियों के दामों में इजाफा हो गया है। इससे पहले नवरात्र चलने के कारण सब्जियों की खपत कम थी। उस दौरान भी सब्जी के दाम धरती पर आ गए थे। अब भिंडी और टमाटर के भी भाव बढ़ गए हैं। आलू भी अब 100 रुपये से बढकर 120 रुपये प्रति पांच किलोग्राम तक पहुंच गया है। अच्छा आलू 140 रुपये का पांच किलोग्राम बिक रहा है। ऐसा नहीं है कि सब्जी की कालाबाजारी के कारण यह दाम हो। पिछले एक सप्ताह से सब्जी की सप्लाई उत्तराखंड होने के कारण मेरठ के बाजार में सब्जी के दाम बढ गए हैं।
यह भी पढ़ेंः CCSU Meerut: लॉकडाउन में विश्वविद्यालय के छात्र घर पर ही कर सकेंगे पढ़ाई, यूजीसी ने जारी किए ये 10 लिंक सब्जी मंडी में सब्जी के थोक विक्रेता दिलावर सिंह बताते हैं कि मेरठ में सब्जी की मांग इन दिनों 60 फीसदी घट गई है। इन दिनों सभी आयोजन बंद हैं। सब्जी सिर्फ घरों में ही बन रही है। जिसके चलते उत्पादन अधिक था और मांग इसलिए सब्जी के दाम बेहद कम थे, लेकिन अब सब्जी की सप्लाई उत्तराखंड में होने के कारण अचानक से यहां पर दाम बढ गए हैं।
यह भी पढ़ेंः कोरोना से जंग जीतने वाले नौ मरीजों ने चिकित्सकों से कहा- शुक्रिया, घर भेजते समय डॉक्टर्स ने इन्हेें दी ये सख्त हिदायत यहीं कारण है कि 12 से 15 रुपए किलो बिकने वाला आलू 25 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। पत्ता गोभी 40 रुपए किलो, सेम 80 रुपए किलो, टमाटर 60 रुपए किलो, भिंडी 100 रुपए किलो, बैंगन 50, कद्दू व लौकी 45 से 60 रुपए किलो तक बिक रही है। सब्जियों की आसमान छूती कीमतें आम लोगों के बजट से बाहर होती जा रही हैं। सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी पर किसानों ने बताया कि महज लाक डाउन ही इसका कारण नहीं है बल्कि अनियमित रूप से हुई इसकी खपत भी है।